टीम इंस्टेंटखबर
बिहार विधानसभा में आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा पर आपा खो बैठे। नीतीश ने साथ ही कहा, ‘न तो हम किसी को फंसाते हैं और न ही किसी को बचाते हैं। ये काम सरकार का नहीं है।’ दरअसल ये पूरी कहासुनी सरस्वती पूजा के दौरान लखीसराय की घटना से संबंधित है।

लखीसराय में सरस्वती पूजा के दौरान कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन करने के आरोप में पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। ये बात सामने आई कि गिरफ्तार व्यक्ति विधानसभा अध्यक्ष का करीबी है। इसे ही लेकर स्पीकर ने पुलिस के रवैये को लेकर नाराजगी जताई थी। इस मामले पर पिछले कुछ दिनों में बिहार विधानसभा में हंगामा हो चुका है।

विधानसभा में सोमवार को भी यही मामला उठा। इस पर नीतीश कुमार ने कहा कि सदन में रोज-रोज एक मामला उठाने का कोई मतलब नहीं है। सीएम ने कहा, ‘विशेषाधिकार समिति जो रिपोर्ट पेश करेगी, हम उसपर विचार करेंगे। हम देखेंगे कि कौन सा पक्ष सही है कौन गलत।’

नीतीश कुमार ने कहा कि किसी मामले की जांच हो रही है तो उसमें हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता। नीतीश ने कहा जब जवाब दे दिया गया कि जांच हो रही तो और कहा गया है कि पूरी जांच होगी तो आपको रिपोर्ट से मतलब है या फिर रिपोर्ट कोर्ट जाएगी? इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि आसन की भी बात सुनी जाए तो नीतीश ने उन्हें रोकते हुए कहा कि संविधान देख लीजिए।

स्पीकर विजय कुमार सिन्हा ने इस पर फिर कहा कि आपके मंत्री कुर्क-जब्ती पर जवाब नहीं दे पाए तो नीतीश कुमार ने कहा कि कहीं भी क्राइम होगा तो रिपोर्ट कोर्ट में जाएगी, आपका रिपोर्ट देखने का काम नहीं है। ऐसे नहीं चलेगा। कोर्ट सजा देगी। आपका ये काम नहीं है। आप पूछ रहे हैं, जवाब दिया जा रहा है।

वहीं, विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि यह मेरे क्षेत्र का मामला है और दोषियों पर कार्रवाई न करके निर्दोष को फंसाया गया है। उन्होंने कहा, ‘आसन को हतोत्साहित करने की बात ना हो। सरकार गंभीरता से कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है। आप लोगों ने ही मुझे विधानसभा अध्यक्ष बनाया है।’