नई दिल्ली: सरकारी नौकरी के लिए अब सिर्फ एक परीक्षा देनी होगी। सीईटी के जरिए अब कई तरह के टेस्ट की जरूरत नहीं होगी जिससे अभ्यर्थियों का समय और संसाधन बचेगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को साझा पात्रता परीक्षा आयोजित करने के लिये राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने यह जानकारी दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय किया गया।

साझा पात्रता परीक्षा
बैठक के बाद सूचना एव प्रसारण मंत्री जावड़ेकर ने कहा कि ‘‘युवाओं को फिलहाल नौकरी के लिये कई अलग-अलग परीक्षाएं देनी पड़ती हैं। ऐसी परीक्षाओं के लिये अभी लगभग 20 भर्ती एजेंसियां हैं और परीक्षा देने के लिए अभ्यर्थियों को दूसरे स्थानों पर भी जाना पड़ता है।’’उन्होंने कहा कि इस संबंध में परेशानियां दूर करने की मांग काफी समय से की जा रही थी। इसे देखते हुए मंत्रिमंडल ने साझा पात्रता परीक्षा लेने के लिये ‘राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी’ के गठन का निर्णय किया गया है।

शुरू में तीन एजेंसियों की परीक्षाएं राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के दायरे में
केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने इस निर्णय को ऐतिहासिक बताया और कहा कि प्रारंभ में तीन एजेंसियों की परीक्षाएं राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के दायरे में आयेंगी। एक अधिकारी ने बताया कि शुरू में इसके दायरे में रेलवे भर्ती परीक्षा, बैंकों की भर्ती परीक्षा और कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) आयेंगे। उन्होंने बताया कि इस परीक्षा में हासिल स्कोर तीन साल तक मान्य होंगे। परीक्षा आयोजित करने के लिये हर जिले में कम से कम एक परीक्षा केंद्र स्थापित किया जायेगा।