पाकिस्तान टीम के पूर्व विकेटकीपर सरफ़राज़ अहमद की टीम में तीन साल बाद वापसी हुई, यह वापसी भी तब मुमकिन हो सकी जब पीसीबी में टॉप लेवल पर बदलाव हुआ, रमीज़ राजा की रुखसती हुई, नज्म सेठी की वापसी हुई. कराची टेस्ट मैच पाकिस्तान ने किसी तरह बचा लिया, हालाँकि लगातार पांचवीं हार का खतरा मडरा रहा था. मैच ख़त्म होने के बाद इस मैच को लेकर पाकिस्तानी मीडिया जो सवाल सबसे ज़्यादा उठाया जा रहा है वो सरफ़राज़ की विकेट कीपिंग को लेकर है. सरफ़राज़ ने इस मैच में निचले दर्जे की कीपिंग की. केन विलियम्सन की दो बार स्टंपिंग छोड़ी जो पाकिस्तान के लिए बहुत भारी पड़ी, कुल मिलकर पांच अवसर सरफ़राज़ ने ज़ाया किये।

अब सवाल उठाया जा रहा है कि सरफ़राज़ ने जिस तरह की कीपिंग की वो उस तरह के कीपर नहीं हैं, ऐसा भी नहीं कि तीन साल से उन्होंने क्रिकेट नहीं खेली हो, मैच वो भले ही न खेले हों लेकिन पाकिस्तान टीम का हिस्सा वो लगातार रहे हैं, इसके आलावा डोमेस्टिक सीजन वो लगातार खेले हैं, ऐसे में इतनी घटिया कीपिंग उन्होंने कैसे की जबकि इस विकेट पर कीवी टीम के टॉम बलंडल ने ज़बर्दस्त कीपिंग का नमूना पेश किया। सवाल यह भी गर्दिश कर रहा है कि बल्ले से कामयाब रहने वाले सरफ़राज़ ने कहीं बाबर को शर्मसार करने के लिए जानबूझकर तो इतनी खराब कीपिंग नहीं की. दरअसल सभी जानते हैं कि पिछले तीन सैलून से बाबर आज़म और मोहम्मद रिज़वान की जोड़ी पाकिस्तान क्रिकेट में छाई हुई थी. इस दौरान कई बार सरफराज़ को कई बार अपमानजनक स्थिति का भी सामना करना पड़ा. शायद इसीलिए सरफ़राज़ की खराब कीपिंग को पहली की घटनाओं से देखकर जोड़ा जा रहा है।

विकेट के पीछे सरफ़राज़ ने सिर्फ मौके ही नहीं गंवाए, बल्कि न्यूजीलैंड को फ्री के रन भी दे दिए. पहले टेस्ट में सरफराज ने बल्लेबाज को पवेलियन भेजने के 5 मौके छोड़े. इसके अलावा घटिया फील्डिंग की वजह से कीवी टीम को पेनल्टी के 5 रन भी दे दिए. सरफराज ने 2 बार कॉट बिहाइंड अपील नहीं की. 2 बार स्टंपिंग से चूक गए और एक कैच छोड़ दिया.

सरफराज ने डेवॉन कॉनवे का शार्प कैच लपका था, मगर सरफराज ने अंपायर के नॉट आउट फैसले को चैलेंज नहीं किया. इसके बाद वो केन विलियमसन को स्टंप करने से चूक गए, उस समय विलियमसन महज 21 रन पर ही थे और सरफराज बेहद आसानी से उन्हें पवेलियन भेज सकते थे, मगर वो समय रहते गेंद को पकड़ नहीं पाए. इसके बाद विलियमसन ने दोहरा शतक जड़ दिया.