कन्याकुमारी (तमिलनाडु):
कांग्रेस पार्टी का फिर से अध्यक्ष बनने के सवाल पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कहा कि मैं कांग्रेस अध्यक्ष बनूंगा या नहीं, इंतजार करिए। कन्याकुमारी में मीडिया से बातचीत करते हुए गांधी ने कहा कि पदयात्रा यह समझने की कोशिश है कि जमीनी स्तर पर क्या हो रहा है और साथ ही यह भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा किए गए नुकसान की भरपाई की कोशिश है।

राहुल गांधी ने इस बात से इनकार किया कि यात्रा कांग्रेस पार्टी को बचाने के लिए की गई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लिए यात्रा लोगों से जुड़ने के बारे में है और कहा कि भाजपा और आरएसएस राय रखने के लिए स्वतंत्र हैं। गांधी ने ये भी कहा कि सभी संस्थाएं अब भाजपा के नियंत्रण में हैं और विपक्ष पर दबाव बनाने के लिए इस्तेमाल की जा रही हैं। लड़ाई अब राजनीतिक दलों के बीच नहीं है।

उन्होंने आगे कहा कि सच कहूं तो दो हजार वर्षों से दो अलग-अलग दृष्टिकोणों के बीच लड़ाई चल रही है और यह जारी रहेगी। भारत के दो अलग-अलग दृष्टिकोण हैं, एक दृष्टि कठोर और नियंत्रित है, जबकि दूसरी बहुवचन और खुले विचारों वाली है। लड़ाई जारी रहेगी। राहुल गांधी ने कहा कि यह यात्रा उन्हें अगले 2 से 3 महीनों में अपने बारे में और “इस खूबसूरत देश” के बारे में कुछ समझने में मदद करेगी।

राहुल गांधी ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए कोई संदेश देने के सवाल पर कहा, “मेरे पास कोई संदेश नहीं है।” राहुल ने कांग्रेस अध्यक्ष बनने के अनुरोध संबंधी सवाल पर कहा, “मैंने निर्णय ले लिया है, मैं बहुत स्पष्ट हूं, जब पार्टी के चुनाव होंगे तब जवाब दूंगा। अगर मैं कांग्रेस के अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ता हूं तो आप मुझसे सवाल पूछ सकते हैं और तब मैं जवाब दूंगा कि मैंने चुनाव क्यों नहीं लड़ा।”