दिल्ली:
मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर आज से लोकसभा में चर्चा शुरू हुई है। कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने इस प्रस्ताव पर बहस की शुरुआत की है। तीन दिनों तक 18 घंटे संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होगी। इसके बाद 10 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस चर्चा का जवाब देंगे। कांग्रेस की ओर से सांसद गौरव गोगोई ने इसपर बहस की और अपने भाषण के दौरान मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला।

लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी के सांसद डिंपल यादव ने कहा कि मणिपुर की घटना बेहद संवेदनशील है। सरकार इस मामले में बेहद असंवेदनशील रही है। यह अहंकारी सरकार है, यह पूरी तरह से मानवाधिकार का उल्लंघन था। हिंसा को अंजाम देने के लिए महिलाओं को साधन के रूप में इस्तेमाल करना संवैधानिक लोकतंत्र में अस्वीकार्य है। यह एक राज्य-प्रायोजित जातीय हिंसा थी।

अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में चर्चा के दौरान टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने कहा कि यह सरकार निर्दयी लोगों की सरकार है। वे पश्चिम बंगाल में प्रतिनिधिमंडल भेज रहे हैं लेकिन एक भी प्रतिनिधिमंडल मणिपुर नहीं गया जहां हमारे भाई-बहन मर रहे हैं। आपको कोई दया नहीं है और यही कारण है कि आप अन्य दलों की तरह मणिपुर नहीं गए।

उन्होंने कहा कि देश से प्यार करता है, वह मोदी को पसंद नहीं करता। उन्होंने कहा, ‘मैं निशिकांत दुबे की बातों का जवाब नहीं देना चाहता। वह ऐसी संस्था से आते हैं, जिस पर गांधी जी की हत्या के बाद बैन लगा दिया गया था। इससे पहले अनुराग ठाकुर ने कहा था गोली मारो… मीनाक्षी लेखी ने कहा था की ईडी का छापा पड़ जाएगा।’

उधर, लोकसभा में अप्रस्ताव पर डीएमके सांसद टीआर बालू ने कहा कि देश की जनता ने पीएम मोदी को चुनकर भेजा है। वह इस सदन के नेता हैं, लेकिन वह अब तक लोकसभा में नहीं, जबकि लगातर उन्हें इस सदन में बुलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मणिपुर के अल्पसंख्यकों को बेरहमी से मारा गया है। 143 लोग मारे गए हैं। 65,000 लोग राज्य छोड़कर भाग गए हैं। मणिपुर की सड़कों पर दो महिलाओं को निर्वस्त्र किया गया, सामूहिक बलात्कार किया गया और नग्न घुमाया गया… मुख्यमंत्री असहाय हैं। पीएम संसद में नहीं आ रहे हैं और वह राज्य में नहीं गए हैं वहीं, I.N.D.I.A. पार्टियां वहां गईं और समझ गईं कि क्या हुआ है।