• कांशीराम कॉलोनी में कैंप लगाकर 48 संभावित मरीजों के लिए सैंपल
  • मुख्यालय के संवेदनशील इलाकों में सप्ताह में एक दिन लिए जाएंगे ब्लड सैंपल

हमीरपुर:
यमुना-बेतवा नदियों से घिरे मुख्यालय को फालेरिया मुक्त करने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग ने संवेदनशील इलाकों में फाइलेरिया नाइट ब्लड सर्वे शुरू किया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बीती शाम कांशीराम कॉलोनी में कैंप लगाकर संभावित मरीजों के ब्लड सैंपल लिए हैं, जिनकी जांच रिपोर्ट अगले दो दिन में आएगी।

जिला मलेरिया अधिकारी आरके यादव ने बताया कि कांशीराम कॉलोनी, रमेड़ी मांझखोर, रमेड़ी तरौस, पुराना यमुना घाट, पुराना बेतवा घाट, नौबस्ता, गौरा देवी और कजियाना मोहल्ले में फाइलेरिया के 58 मरीज हैं। इन सभी इलाकों को संवेदनशील की श्रेणी में रखते हुए यहां प्रति सप्ताह फाइलेरिया नाइट ब्लड सर्वे शुरू कराया गया है। बुधवार को कांशीराम कॉलोनी में पांच सदस्यीय टीम ने 48 संभावित मरीजों के ब्लड सैंपल लिए हैं, जिनकी रिपोर्ट अगले दो दिन में आ जाएगी। इस अभियान का उद्देश्य मुख्यालय को फाइलेरिया मुक्त करना है। फाइलेरिया मरीजों को प्रभावित अंगों की साफ-सफाई के लिए एमएमडीपी किट भी मुहैया कराई जा रही है।

जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि जहां कहीं भी कैंप लगेगा, वहां उसी दिन आशा और आंगनबाड़ी के माध्यम से प्रचार-प्रसार कराया जाएगा। जहां कहीं भी फाइलेरिया के नए मरीज मिलेंगे वहां भी इसी प्रकार का सर्वे कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति जिसमें फाइलेरिया के लक्षण हैं वह प्रत्येक मंगलवार और शनिवार को जिला मलेरिया अधिकारी कार्यालय में संचालित फाइलेरिया क्लीनिक में शाम को जांच करा सकता है।

क्या है फाइलेरिया
मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होने वाली फाइलेरिया की बीमारी व्यक्ति के हाथ-पांव के अलावा पुरुषों के अंडकोष और महिलाओं के स्तन में हो सकती है। बीमारी से प्रभावित अंगों का आकार बढ़ जाता है। यह लाइलाज बीमारी है। समय से जांच में पता चल जाए तो इससे होने वाली तकलीफ से बचा जा सकता है।

फाइलेरिया के शुरुआती लक्षण

0 सर्दी (कंपकंपी) देकर बुखार का आना
0 त्वचा का काला पड़ जाना या त्वचा में उभार आ जाना।
0 लसिका ग्रंथियों में सूजन।
0 हाथ-पांव, अंडकोष या स्तन के आकार में परिवर्तन।

फाइलेरिया से बचाव

0 फाइलेरिया चूंकि मच्छर के काटने से फैलता है, इसलिए बेहतर है कि मच्छरों से बचाव किया जाए। इसके लिए घर के आस-पास व अंदर साफ-सफाई रखें
0 पानी जमा न होने दें और समय-समय पर कीटनाशक का छिड़काव करें। फुल आस्तीन के कपड़े पहनकर रहें।
0 सोते वक्त हाथों और पैरों पर व अन्य खुले भागों पर सरसों या नीम का तेल लगा लें
0 हाथ या पैर में कही चोट लगी हो या घाव हो तो फिर उसे साफ रखें। साबुन से धोएं और फिर पानी सुखाकर दवाई लगा लें