लेख

नफरत का नया हाउस

तौक़ीर सिद्दीक़ी

समाज में नफरत का ज़हर फैलाने का सिलसिला बदस्तूर जारी है, एक समुदाय विशेष की महिलाओं के खिलाफ घृणित सोच मोबाईल के सहारे लोगों में फैलाने का काम थमा नहीं है. पहले सुल्ली डील्स फिर बुल्ली बाई और अब क्‍लबहाउस चैट APP. यह वह प्लेटफॉर्म हैं जहाँ खुले आम मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाया जा रहा है, उनके खिलाफ गंदे और अभद्र कमेंट किये जा रहे हैं. इन नफरती चिंटुओं को किसी भी बात का डर नहीं, एक प्लेटफॉर्म बंद होता है तो दूसरा, दूसरा बंद हुआ तो तीसरा, मतलब घृणित मानसिकता का खेल बंद नहीं होता, बस स्थान बदल जाता है.

कहने को तो क्‍लब हाउस चैट APP पढ़े लिखे और सभ्य कहे जाने वालों की बातचीत की जगह है मगर यह लोग कितने सभ्य हैं इसका खुलासा दिल्ली महिला आयोग की चेयरपर्सन स्वाति मालीवाल ने किया जिन्होंने दिल्‍ली पुलिस की साइबर क्राइम सेल को बताया कि इस एप्प पर किस तरह मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ घृणित यौन एवं अभद्र टिप्पणियां की जा रही हैं.

स्वातिमालिवाल ने साइबर क्राइम सेल को चिट्ठी लिखकर ऐसे नफरती लोगों के खिलाफ FIR दर्ज करने और आरोपियों को गिरफ्तार करने को कहा है, उन्होंने यह भी लिखा है कि अगर आरोपियों पर करवाई नहीं होती है तो उसकी भी वजह बताई जाय कि गिरफ़्तारी क्यों नहीं की गयी. दिल्‍ली महिला आयोग ने इस पूरे मामले की रिपोर्ट 24 जनवरी तक तलब की है.

दिल्‍ली महिला आयोग की चेयरपर्सन ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि पैनल ने चैट पर स्‍वत: संज्ञान लिया जिसमें प्रतिभागियों को मुस्लिम महिलाओं और लड़कियों को निशाना बनाते हुए साफ तौर पर अश्‍लील और अपमानजनक कमेंट करते हुए सुना जा सकता है.

बातचीत पर हैरानी जताते हुए स्‍वाति मालीवाल ने कहा, ‘किसी ने मुझे ट्विटर टैग कर क्लब हाउस ऐप पर हुई इस विस्तृत अश्लील ऑडियो बातचीत का ब्यौरा भेजा, जिसमें मुस्लिम महिलाओं और लड़कियों को निशाना बनाया गया और उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां की गईं.

उन्होंने कहा कि हद है कि देश में इस तरह की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं.दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होना बेहद ज़रूरी है.

सोशल मीडिया पर वायरल इस ऑडियो क्लिप में एक समुदाय विशेष की महिलाओं के खिलाफ यौन और घृणित मानसिकता से लिप्त जिस भाषा का इस्तेमाल किया गया है उसे कहना तो दूर सुनने में भी घिन्न आती है. हैरानी तो इस बात की है कि इस चैट में महिलाएं भी शामिल हैं.

सवाल फिर वही आता है कि जब सुल्ली डील्स और बुल्ली बाई एप्प मामले पर कार्रवाई चल रही है, आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चूका है, मामला कोर्ट में है, फिर कैसे इन नफरती लोगों की वही सब दोहराने की हिम्मत पड़ती है. क्या यह सब एक एजेंडे के तौर पर हो रहा है, क्या यह सब सिर्फ कुछ नफरती मानसिकता वालों का पागलपन है या फिर एक समुदाय विशेष के खिलाफ एक सोची समझी साज़िश। देखना होगा कि स्वाति मालीवाल की चिट्ठी का क्या नतीजा निकलता है, लेकिन अगर यह सही है तो बहुत खतरनाक और देश के सामाजिक ढाँचे को छिन्न भिन्न करने वाला है.

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