नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस द्वारा बलात्कार मामले में की गई एक टिप्पणी ‘उससे शादी करोगे’ पर उपजे विवाद पर सोमवार को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबडे ने टिप्पणी करते हुए कहा कि इस मामले में अदालत के समक्ष कार्यवाही की पूरी तरह से गलत रिपोर्टिंग की गई.

टिप्पणी को ग़लत सन्दर्भ में देखा गया
चीफ जस्टिस ने कहा कि एक अदालत और एक संस्था के तौर पर हमारा हमेशा महिलाओं के लिए सर्वोच्च सम्मान है. बोबडे ने कहा कि एक्टिविस्ट ने टिप्पणी को संदर्भ से बाहर देखा, जोकि विवाद पैदा करने और अदालत की छवि को धूमिल करने के लिए था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसने मामले के संदर्भ में याचिकाकर्ता व्यक्ति से पूछा था कि क्या वह शिकायतकर्ता से शादी करेगा. उसने उसे “जाओ और शादी करो” के लिए नहीं कहा था.

महिलाओं के प्रति सर्वोच्च सम्मान
उन्होंने कहा कि पीठ ने याचिकाकर्ता से कभी भी पीड़िता से शादी करने के लिए नहीं कहा. CJI ने कहा कि एक संस्था और अदालत के रूप में हमारा हमेशा महिलाओं के प्रति सर्वोच्च सम्मान रहा है. सुनवाई के दौरान एसजी तुषार मेहता ने कहा मामले में अदालत के बयानों को पूरी तरह से तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया जैसे कि विवाह और समझौते के लिए कोई सुझाव दिया गया था.

गर्भपात कराने के मामले में की थी टिप्पणी
ग़ौरतलब है कि हरियाणा में एक नाबालिग के 26 हफ्ते के गर्भ का गर्भपात कराने कि अनुमति वाली याचिका की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने यह टिप्पणी की थी. सीजेआई की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह टिप्पणी एक मार्च को आरोपी की याचिका पर सुनवाई के दौरान की थी, जिसने बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद बेंच द्वारा अपनी अग्रिम जमानत को रद्द करने के फैसले को चुनौती दी थी. CJI की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिली थी.