नेतन्याहू बोला, इजराइल की सुरक्षा के लिए हम ट्रम्प पर निर्भर नहीं
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बुधवार को कहा कि इजराइल अपनी सुरक्षा खुद तय करता है और वह इसके लिए अमेरिका पर निर्भर नहीं है. उन्होंने यह बात अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस से मिलने से पहले कही. नेतन्याहू का यह बयान गाजा में अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा बल भेजे जाने की योजना को लेकर था.
दरअसल, नेतन्याहू अपने देश की जनता को आश्वस्त करना चाह रहे थे कि गाजा में अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा बल की मौजूदगी से इजराइल की सुरक्षा कार्रवाई प्रभावित नहीं होगी. नेतन्याहू चाहते हैं कि इजराइल को अपनी सुरक्षा की पूरी आजादी मिले और वह बिना किसी रोक-टोक के हमले कर सके.
नेतन्याहू ने वेंस से मुलाकात के बाद कहा कि इजराइल अमेरिका का गुलाम या अधीन देश नहीं है. उन्होंने इस तरह की बातों को बकवास बताया. नेतन्याहू ने कहा, कभी लोग कहते हैं कि इजराइल अमेरिका को चलाता है, फिर कुछ दिन बाद कहते हैं कि अमेरिका इजराइल को कंट्रोल करता है. ये सब फालतू बातें हैं. हम अमेरिका के साथ एक मजबूत साझेदारी में हैं. हमारे विचार और लक्ष्य मिलते-जुलते हैं. हां, कभी-कभी छोटी-मोटी बातों में मतभेद हो सकते हैं, लेकिन ज्यादातर मामलों में हम एक जैसे सोचते हैं और साथ मिलकर काम करते हैं.
उधर, अमेरिकी उपराष्ट्रपति वेंस ने कहा कि गाजा में शांति बनाए रखना आसान नहीं है. हमास को निशस्त्र करना और गाजा के लोगों की मदद करना बहुत मुश्किल काम है, लेकिन मैं इस काम को लेकर आशावादी हूं. वेंस ने इजराइल के राष्ट्रपति इसहाक हर्जोग से भी मुलाकात की. उनके साथ अमेरिकी मध्य पूर्व विशेष दूत स्टीव विटकॉफ और जेरड कुशनर भी थे.
हालांकि अभी तक इस बात पर कोई फैसला नहीं हुआ है कि गाजा में अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा बल में कौन शामिल होगा. वेंस ने बताया कि तुर्की और इंडोनेशिया इस सुरक्षा बल के लिए सैनिक भेज सकते हैं. इसके अलावा ब्रिटेन भी इजराइल को कुछ सैन्य अधिकारी भेज रहा है, ताकि वे संघर्ष विराम की निगरानी कर सकें. अब तक कुल 15 बंधकों के शव इजराइल को मिल चुके हैं. वहीं 13 बंधकों के शव अभी गाजा में हैं.
इजराइल-हमास जंग 7 अक्टूबर को शुरू हुआ था, जब हमास के लड़ाकों ने इजराइली नागरिकों पर हमला किया और उन्हें बंधक बना लिया. उस हमले में करीब 1,200 लोग मारे गए और 251 को बंधक बनाया गया.
वहीं गाजा की हेल्थ मिनिस्ट्री के मुताबिक, इजराइली हमले में अब तक 68,000 से ज्यादा फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है. हालांकि इजराइल इस संख्या को स्वीकार नहीं करता. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पीस प्लान के तहत इजराइल-हमास के बीच 10 अक्टूबर से सीजफायर लागू है.










