टीम इंस्टेंटखबर
श्रीलंका की आर्थिक बदहाली का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कोलंबो में 13-13 घंटे के पावर कट से जूझ रही जनता सड़कों पर उतर आई है और राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग कर रही है. लोगों के पास खाने-पीने की चीजें नहीं है. लोग हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं. हालात यहां तक बिगड़ गए हैं कि राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने 1 अप्रैल से देश में आपातकाल लागू कर दिया है. श्रीलंका के राष्ट्रपति कार्यालय से जारी आदेश में कहा गया है कि देश में कानून व्यवस्था कायम रखने, आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई को जारी रखने के लिए ऐसा करना जरूरी हो गया है

भारत ने भीषण आर्थिक संकट से जूझ रहे पड़ोसी देश श्रीलंका की मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया है. भारत की ओर से श्रीलंका को खाद्यान्न की मदद भेजी जा रही है, ताकि वहां महंगाई की वजह से लोगों की रोटी छिनने की जो नौबत आई है, उससे थोड़ी राहत मिल सके. श्रीलंका को भेजने के लिए भारत में व्यापारियों ने 40,000 टन चावल की लोडिंग शुरू कर दी है.

श्रीलंका में विदेशी मुद्रा भंडार में बीते दो साल में 70% से ज्यादा की गिरावट आई है. इस वजह उसे अपनी जरूरत की अनिवार्य वस्तुओं का आयात करने में भी दिक्कत आ रही है. इस वजह से श्रीलंका की मुद्रा डॉलर के मुकाबले कमजोर हो गई है और उसने दुनिया के कई देशों से मदद मांगी है. इसके अलावा वहां महंगाई का आलम ये है कि पेट्रोल-डीजल से लेकर खाने-पीने की सामान्य चीजों के दाम चरम पर पहुंच गए हैं.