जेल में बंद गैंगस्टर-राजनेता मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से गुरुवार रात मौत हो गई। शाम उन्हें बांदा मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। सूत्रों ने बताया कि पहले उनके इलाज के लिए डॉक्टरों को जेल के अंदर बुलाया गया था, लेकिन डॉक्टरों को दिल का दौरा पड़ने जैसी स्थिति का संदेह होने पर उन्हें अस्पताल ले जाया गया। वह पूरे दिन उपवास पर थे और शाम को उपवास तोड़ने के बाद बीमार पड़ गए। चिकित्सा अधिकारियों के मुताबिक, रोजा खोलने के बाद मुख्तार अंसारी की तबीयत बिगड़ गई। उन्हें उल्टी हुई और बेहोशी की हालत में अस्पताल लाया गया।

यह मौत उनके परिवार के सदस्यों के इस दावे के बीच हुई कि उन्हें जेल में धीमा जहर दिया जा रहा था। मंगलवार को मुख्तार अंसारी को उसी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था जब उन्होंने पेट में दर्द की शिकायत की थी और लगातार चार दिनों तक मल त्यागने में असमर्थ थे। उस वक्त उन्हें 14 घंटे बाद छुट्टी देकर वापस बांदा जेल भेज दिया गया था।

गाजीपुर के सांसद और मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी ने बताया, ”मुख्तार ने कहा कि जेल में उसे खाने में जहरीला पदार्थ दिया गया। ऐसा दूसरी बार हुआ। करीब 40 दिन पहले भी उसे जहर दिया गया था और हाल ही में 19 मार्च या 22 मार्च को उन्हें फिर से यह (जहर) दिया गया, जिसके कारण उनकी हालत खराब है।” यूपी जेल विभाग ने तब बयान जारी किया था कि मुख्तार अंसारी के रात में शौचालय में गिरने के बाद उन्हें तुरंत जेल डॉक्टर द्वारा उपचार उपलब्ध कराया गया था।

मुख्तार अंसारी 2005 से पंजाब और उत्तर प्रदेश में सलाखों के पीछे थे। 60 वर्षीय डॉन से नेता बने मुख्तार अंसारी के खिलाफ 60 से अधिक आपराधिक मामले लंबित थे। उन्हें सितंबर 2022 से अब तक आठ मामलों में यूपी की विभिन्न अदालतों द्वारा सजा सुनाई गई थी और वह बांदा जेल में बंद थे। उनका नाम पिछले साल उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा जारी 66 गैंगस्टरों की सूची में था। उनके परिवार वालों ने पहले आशंका जताई थी कि मुख्तार अंसारी को फर्जी मुठभेड़ में मारा जा सकता है।

13 मार्च को, मुख्तार अंसारी को 1990 में हथियार लाइसेंस प्राप्त करने के लिए जाली दस्तावेजों के उपयोग से संबंधित एक मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। यह आठवां मामला था जिसमें पांच बार के पूर्व विधायक को अदालत ने दोषी ठहराया और सजा सुनाई गई थी।