लखनऊ: समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादवमुख्तार अंसारी के परिवार के सदस्यों से मिलने उनके आवास पर पहुंचे। मुख्तार अंसारी की 28 मार्च को बांदा में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी।

मुलाकात के बाद अखिलेश यादव ने कहा, “मैं इस दुख की घड़ी में (मुख्तार अंसारी के) परिवार के सभी सदस्यों से मिला…जो घटना हुई वो सबके लिए चौंकाने वाली थी…हमें उम्मीद है कि सरकार सच्चाई सामने लाएगी और परिवार को न्याय मिलेगा। जब से भाजपा की सरकार आई है तब से संस्थाओं पर भरोसा कम हुआ है…लोग अपने न्याय के लिए आत्मदाह तक कर रहे हैं…आखिरकार सरकार क्या चाहती है?…”

अखिलेश ने आगे कहा, “जो व्यक्ति इतने वर्षों जेल में रहा हो उसके बाद भी जनता जिता रही हो, इसका मतलब उस व्यक्ति ने जनता के बीच में रहकर उसका दु:ख दर्द बांटा है।” उन्होंने कहा, “मुख्तार अंसारी ने खुद कहा कि उसको ज़हर दिया जा रहा है और वही बात सामने आई। हमें उम्मीद है कि सरकार सच्चाई सामने लाएगी और परिवार को न्याय मिलेगा। जब से भाजपा की सरकार आई है तब से इंस्टीट्यूशंस पर भरोसा कम हुआ है। मुख्तार अंसारी के दादा नाना का योगदान क्या देश की आजादी में नहीं रहा? क्या प्रशासन और सरकार भेदभाव नहीं कर रही? क्या हम आप ये स्वीकार कर लेंगे कि नेचुरल डेथ थी?”

बता दें कि 28 मार्च को मुख्तार अंसारी की मौत के मामले की न्यायिक जांच के लिए एक अपर मुख्‍य न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट को नामित किया गया है। मुख्तार अंसारी को तबीयत बिगड़ने के बाद बांदा जिला जेल से रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया गया था, जहां दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई थी। बांदा के मुख्‍य न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट (सीजेएम) भगवान दास गुप्ता की ओर से जारी आदेश के मुताबिक मामले की जांच के लिए गरिमा सिंह अपर मुख्‍य न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट (सांसद-विधायक अदालत बांदा) श्रीमती गरिमा सिंह को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है।