नई दिल्ली: कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमित मरीज ठीक होने के बाद एक नई बीमारी का तेजी से शिकार हो रहे हैं. जिसके चलते समय पर इलाज न होने पर मरीजों की आंख निकालनी पड़ रही है या फिर उनकी मौत हो रही है. इस बीमारी का नाम ‘Mucormycosis’ है. सूरत में 15 दिन के भीतर ऐसे 40 से अधिक केस सामने आए हैं, जिनमें 8 मरीजों की आंखें निकालनी पड़ी हैं.

फंगल संक्रमण में वृद्धि
दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल के वरिष्ठ नाक कान गला (ईएनटी) सर्जन डॉक्टर मनीष मुंजाल ने कहा, ‘हम कोविड-19 से होने वाले इस खतरनाक फंगल संक्रमण के मामलों में फिर से वृद्धि देख रहे हैं. बीते दो दिन में हमने Mucormycosis से पीड़ित छह रोगियों को भर्ती किया है. बीते साल इस घातक संक्रमण में मृत्यु दर काफी अधिक रही थी और इससे पीड़ित कई लोगों की आंखों की रोशनी चली गई थी तथा नाक और जबड़े की हड्डी गल गई थी.”

स्टेरॉयड का उपयोग हो सकती है वजह
अस्पताल में ईएनटी विभाग के अध्यक्ष डॉ.अजय स्वरूप ने कहा कि COVID-19 के उपचार में स्टेरॉयड का उपयोग इस बात को ध्यान में रखकर किया जाता है कि कई कोरोनोवायरस के मरीजों को डायबिटीज होता है, जो ब्लैक फंगस की संख्या में वृद्धि का एक कारण हो सकता है.

लापरवाही पड़ती है भारी
डाक्टरों की माने तो ‘Mucormycosis’ एक प्रकार का फंगल इंफेक्शन है, जो नाक और आंख से होता हुआ ब्रेन तक पहुंच जाता है और मरीज की मौत हो जाती है. वैसे तो कोरोना के पहले फेज में इस बीमारी के बारे में बहुत जानकारी नहीं मिल पाई थी. लेकिन कोरोना की दूसरी लहर में इसके केस अधिक सामने आ रहे हैं. कोरोना से संक्रमित होने के बाद मरीज आंख दर्द, सिर दर्द आदि को इग्नोर करता है. यह लापरवाही मरीज को भारी पड़ती है. कोरोना ठीक होने के बाद यह फंगल इंफेक्शन पहले साइनस में होता है और 2 से 4 दिन में आंख तक पहुंच जाता है. इसके 24 घंटे के भीतर यह ब्रेन तक पहुंच जाता है. इसलिए आंख निकलनी पड़ती है. साइनस और आंख के बीच हड्डी होती है, इसलिए आंख तक पहुंचने में दो से ज्यादा दिन लगते हैं. आंख से ब्रेन के बीच कोई हड्डी नहीं होने से यह सीधा ब्रेन में पहुंच जाता है और आंख निकालने में देरी होने पर मरीज की मौत हो जाती है.

कमजोर इम्युनिटी वाले होते हैं शिकार
यह फंगल इंफेक्शन सबसे पहले कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों पर अटैक करता है. इलाज के दौरान दी गई दवाई से भी बॉडी पर बुरा असर डालती हैं. ऐसे में अगर मरीज को डायबिटीज है तो उसे यह बीमारी होने के चांस सबसे अधिक होता है. सिर में असहनीय दर्द, आंख लाल होना, तेज दर्द होना और पानी गिरना, आंख का मूवमेंट नहीं होना जैसे लक्षण मिलें तो तुरंत इलाज लेने की जरूरत है.

समय पर इलाज एकमात्र उपाय
कोरोना से बचने के बाद इस नई बीमारी Mucormycosis से बचने का एकमात्र उपाय है समय पर इलाज करा लेना. लक्षण दिखे तो मरीज तत्काल डॉक्टर से संपर्क करे और जिससे सही समय पर सही इलाज शुरू हो सके.