टीम इंस्टेंटखबर
काले कृषि कानूनों को लेकर लम्बे समय तक चले किसान आंदोलन के नायक किसान नेता राकेश टिकैत ने सरकार की अग्निपथ योजना का विरोध करते हुए उन प्रदर्शनकारियों के समर्थन किया है जो इसके खिलाफ पिछले तीन दिनों से सड़कों पर हैं। टिकैत ने इस सरकारी योजना की आलोचना करते हुए कहा कि भारत को इस समय एक बहुत बड़े आन्दोलन की ज़रूरत है।

राकेश टिकैत ने अग्निपथ योजना की निंदा करते हुए कहा कि अबतक देश के युवा सेना में कम से कम 15 वर्ष दे सकते थे और रिटायर होने के बाद उनके लिए पेंशन का भी प्रावधान था। उन्होंने बताया कि नई योजना के अन्तर्गत अब सेना में नौकरी समाप्त होने के बाद पेंशन का कोई भी प्रावधान नहीं है।

राकेश टिकैत के अनुसार देश में नेता 90 वर्ष की आयु तक चुनाव लड़ते हैं और बाद में उनके लिए पेंशन का भी प्रबंध किया गया है किंतु अग्निपथ योजना के अनुसार अब देश के युवाओं को सेना में 4 वर्षों तक सेवा करने के बाद पेंशन से वंचित कर दिया जाएगा जो बिल्कुल ही ग़लत है। टिकैत का कहना था कि हम ऐसा नहीं होने देंगे और सरकार की अग्निपथ योजना के विरुद्ध भारतीय किसान यूनियन आन्दोलन करेगी।

याद रहे कि भारत की केन्द्र सरकार की अग्निपथ योजना का विरोध बहुत तेज़ी से पूरे देश में फैलता जा रहा है। बिहार से आरंभ होने वाला यह विरोध अब भारत से 12 से अधिक राज्यों में फैल चुका है। अपने ट्विट के माध्यम से राकेश टिकैत कह चुके हैं कि सरकार की ग़लत नीतियों का परिणाम, किसान तो पहले से ही भुगत चुका है और अब एक अन्य ग़लत फ़ैसले का नतीजा देश के युवाओं को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि सेना में जाने वाला भी किसान का ही बेटा होता है।

उल्लेखनीय है कि भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने 14 जून को अग्निपथ योजना की घोषणा की थी। केन्द्रीय सरकार की इस योजना के अन्तर्गत युवाओं को 4 साल के लिए सेना के किसी भी अंग में भर्ती किया जाएगा। इसके लिए आयु सीमा साढ़े सत्रह वर्ष से लेकर इक्कीस साल तक निर्धारित की गई है जो इस साल बढाकर 23 वर्ष की गयी है.

इन युवाओं को पहले साल हर महीने 30 हज़ार रूपये वेतन के रूप में मिलेंगे। यह वेतन प्रतिवर्ष बढ़ता रहेगा और चौथे साल यह बढ़कर 40 हज़ार प्रतिमाह हो जाएगा। 4 वर्षों के बाद सेना के इन जवानों को नौकरी की समाप्ति पर कोई पेंशन या ग्रेचुइटी नहीं मिलेगी।