टीम इंस्टेंटखबर
पंजाब में शाम 6 बजे तक कुल 64.57 मतदान हुआ। इसके साथ ही कई दिग्गजों की किस्मत ईवीएम में लॉक हो गई।

पंजाब में सुबह 8 बजे से वोटिंग शुरू हुई। 117 विधानसभा सीटों के लिए कुल 24740 मतदान केंद्र बनाए गए थे। 2017 के पंजाब विधानसभा चुनावों में, मतदान प्रतिशत 77.4 था। इस बार 93 महिलाओं और दो ट्रांसजेंडर समेत कुल 1,304 उम्मीदवार मैदान में हैं।

पंजाब के सीईओ ने कहा कि 72 बैलेट यूनिट, 64 कंट्रोल यूनिट और 649 वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) को कुछ खराबी के बाद बदल दिया गया था। उन्होंने कहा कि मतदान बाधित होने का एक भी मामला नहीं है।

कानून-व्यवस्था पर राजू ने कहा, “राज्य में कुछ मामूली चुनाव संबंधी घटनाएं देखी गईं और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए मतदान के दिन कुल 18 प्राथमिकी दर्ज की गईं।” सीईओ ने कहा कि 80 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों और विकलांग व्यक्तियों (पीडब्ल्यूडी) को पिक-अप एंड ड्रॉप की सुविधा प्रदान की गई थी। जहां मतदान केंद्रों पर बुजुर्गों के लिए व्हीलचेयर की व्यवस्था की गई, वहीं पहली बार मतदान कर रहे मतदाताओं को मतदान केंद्रों पर प्रमाण पत्र दिए गए। अधिकारियों ने कहा कि मतदान की गई ईवीएम को सीसीटीवी कैमरों की चौबीसों घंटे निगरानी में निर्धारित स्ट्रांगरूम में रखा जाएगा।

पंजाब में कांग्रेस, आप, शिअद-बसपा, भाजपा-पीएलसी-शिअद (संयुक्त) और संयुक्त समाज मोर्चा (एसएसएम) के बीच बहुकोणीय मुकाबला देखने को मिला, जो विभिन्न किसान संगठनों का राजनीतिक मोर्चा है। शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था। भाजपा ने अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब लोक कांग्रेस और सुखदेव सिंह ढींडसा के नेतृत्व वाली शिअद (संयुक्त) के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा। एसएसएम ने हरियाणा भारतीय किसान यूनियन (चादुनी) के नेता गुरनाम सिंह चादुनी के नेतृत्व वाली संयुक्त संघर्ष पार्टी के साथ चुनाव लड़ा था।