दिल्ली:
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शनिवार को मोनकेपॉक्स को लेकर ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी की घोषणा की है. डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ट्रेडोस अदनोम ने कहा है कि 70 से अधिक देशों में मंकीपॉक्स का प्रसार एक वैश्विक आपात स्थिति है.
गौरतलब है कि दुनिया भर में अब लगभग मंकीपॉक्स के 15 हजार मामले हैं जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और अन्य देशों ने लाखों टीके खरीदे हैं, जबकि अफ्रीका को एक भी टीका नहीं मिला है, जहां मंकीपॉक्स का अधिक गंभीर प्रकार पहले ही 70 से अधिक लोगों की जान ले चुका है. बता दें कि इससे पहले, डब्ल्यूएचओ ने कोरोना, इबोला, जीका वायरस के लिए आपात स्थिति की घोषणा की थी.
WHO के महानिदेशक टेड्रोस ने कहा कि उन्होंने वैश्विक स्वास्थ्य संगठन की इमरजेंसी कमेटी के सदस्यों के बीच आम सहमति नहीं बन पाने के बावजूद यह घोषणा की. यह पहला मौका है जब डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने इस तरह की कार्रवाई की है. टेड्रोस ने कहा, ‘हम एक ऐसी महामारी का सामना कर रहे हैं, जो तेजी से दुनिया भर में फैल गई है और इस रोग के बारे में हमारे पास काफी कम जानकारी है तथा यह अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य नियमन की अर्हता को पूरा करता है. उन्होंने कहा, ‘मैं जानता हूं कि यह कोई आसाना या सीधी प्रक्रिया नहीं रही है और इसलिए समिति के सदस्यों के अलग-अलग विचार हैं.’
डब्ल्यूएचओ ने हफ्ते भर के अंदर गुरुवार को इस बात पर विचार करने के लिए दूसरी बैठक बुलाई थी कि मंकीपॉक्स को वैश्विक संकट घोषित किया जाए या नहीं. अफ्रीकी अधिकारियों ने कहा कि वह पहले से ही महाद्वीप की महामारी को आपातकाल मान रहे हैं. लेकिन कुछ विशेषज्ञों ने कहा कि यूरोप, उत्तरी अमेरिका और अन्य जगह मंकीपॉक्स के मामूली प्रकार की मौजूदगी पर आपातकाल की घोषणा करना गैर जरूरी है, भले ही वायरस पर नियंत्रण नहीं हो सके.
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