नई दिल्‍ली :
ED द्वारा दिल्ली में यंग इंडियन के दफ्तर को सील करने पर कांग्रेस पार्टी ने इसे बेरोजगारी-महंगाई के मुद्दे पर केंद्र सरकार के खिलाफ पार्टी के आंदोलन को दबाने की कोशिश बताया है. कांग्रेस नेता अजय माकन ने एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में कहा कि ED की जो भी कार्रवाई की जा रही है वह कांग्रेस को डराने और मूल मुद्दों से ध्‍यान हटाने की कोशिश है. माकन ने कहा, ” हम लोगों ने 5 तारीख़ को देशव्यापी महंगाई के खिलाफ़ प्रदर्शन का ऐलान किया है लेकिन हमें दिल्ली पुलिस से लेटर आया कि हम 5 तारीख़ को कोई प्रदर्शन नहीं कर सकते. दिन में हमें ये लेटर मिला और शाम को कांग्रेस ऑफ़िस को छावनी में तब्दील कर दिया गया. बहरहाल, हम लोग पीछे हटने वाले नहीं हैं.” उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी दबाव में आने वाली नहीं है. हम पीछे हटने वाले नहीं हैं. हम पीएम आवास के बाहर और राज्यपालों के आवास के बाहर प्रदर्शन करेंगे.

इस मौके पर वरिष्‍ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, “कांग्रेस दफ़्तर में आने से लोगों को रोका जा रहा है. पूरा रास्ता बंद कर दिया गया है. ये महंगाई के मुद्दे से बेरोज़गारी के मुद्दे पर बरगलाने की कोशिश है. आपने राहुल गांधी से 100 घंटे पूछताछ करने के बाद वही सवाल सोनिया जी से पूछे. 200 सवाल घुमा-घुमा कर पूछे गए. ये देश का ध्यान भटकाने की कोशिश है. हमारी आवाज़ को नही दबाया जा सकता है. हम ज़िम्मेदार विपक्ष की भूमिका निभाते रहेंगे.”

उन्‍होंने कहा कि सारे क़ानून, लोकतांत्रिक मूल्यों को खिड़की के बाहर फेंक दिया गया है. प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में मौजूद जयराम रमेश ने कहा, मैं एक बात कहना चाहता हूं कि जो धमकी देते हैं, वह डरते हैं. डरने का काम हमारा नहीं है. जयराम रमेश ने कहा, ” ये प्रतिशोध की राजनीति है. ये धमकी राजनीति है. ये सरकार, संसद में दो हफ़्ते तक बहस से भागी. ये हमारे दफ़्तरों के सामने, हमारे नेताओं के घरों के सामने पुलिस भेज रहे हैं. 5 अगस्‍त का का प्रदर्शन ज़रूर होगा. महंगाई, बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ शांतिपूर्ण प्रदर्शन होगा.

इस बीच, प्रवर्तन निदेशालय की ओर से ने यंग इंडियन ऑफिस परिसर को ‘अस्थायी रूप से सील’ करने पर कांग्रेस ने कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के जरिये ट्वीट किया है. इसमें कहा गया है, ‘‘सत्य की आवाज़ नहीं डरेगी पुलिसिया पहरों से. गांधी के अनुयायी लड़ के जीतेंगे इन अंधेरों से. ‘नेशनल हेराल्ड’ कार्यालय सील करना, कांग्रेस मुख्यालय को पुलिस पहरे में कैद करना तानाशाह की डर और बौखलाहट दोनों दिखाता है. पर महंगाई और बेरोज़गारी के सवाल तो फिर भी पूछे जाएंगे.”