मो. आरिफ़ नगरामी

हमारा मुल्क हिन्दुस्तान जहां एक तरफ कोरोना जैसे मोहलिक और जानलेवा वायरस से जंग लड रहा है और तीसरी लहेर से महफूज रहने की तैयारियां कर रहा है। मंहगाई ने आम इन्सानों की कमर तोड़ दी है। पेट्रौल और डीज़ल की कीमतों में नाकाबिले बर्दाश्त मुसलसल इज़ाफा हो रहा है। ऐसे में पेट्रौल और डीजल की कीमतों में रोज इजाफा की वजह मरकजी वजीरे पेट्रौलियम धर्मेंन्द प्रधान से दरियात की तो उन्होेंने अजीब मजहकाखेज और नामाकूल जवाब देकर मुल्क के अवाम को मायूस होने पर मजबूर कर दिया। धर्मेंन्द प्रधान ने पेट्रौल और डीजल की कीमतों में इजाफे की वजह बतायी कि तमाम मुल्क में मुफ्त कोरोना वैक्सीन लगाई जा रही है। अस्सी करोड से ज्यादा खानदानों में मुफ्त राशन तकसीम किया जा रहा है तो इसकी भरपाई कहीं न कहीं से तो होगी। तो धर्मेंन्द प्रधान साहब के बेयान के मुताबिक मुल्क के अवाम को जो मुफ्त वैक्सीन लगायी जा रही है और अस्सी करोड से ज्यादा खानदानों को जो मुफ्त राशन दिया जा रहा है उस की कीमत मुल्क के अवाम से ही पेट्रौल और डीजल की कीमतों मेें इजाफा करके वसूला जायेगा ।

हुकूमत ने मुफ्त टीका कारी और मुफ्त अनाज की तकसीम का एलान करके खूब वाहवाही बटोरी मगर अब पता चला कि उसकी कीमत भी हिन्दुस्तानियों को अदा करना पडेगी। ऐसे खतरनाक और परेशानकुन हालात में भी मुस्लिम दुशमन ताकतें शरपसन्द अनासिर अपनी हरकतों से मुसलमानेां को दहशतजदह और परेशान करने मेें कोई कसर नहीं छोड रहे है। गुजिश्ता दिनों हिन्दू दहशतगर्दों ने मुसलमानों के खिलाफ शर्मनाक और जलील हरकतें की है। और उनको तशद्दुद का निशाना बनाया है मगर गोदी मीडिया ने मुसलमानों के खिलाफ की गयी दहशतगर्दाना कार्रवाईयों को न तो अपने न्यूजचैनल पर दिखाया और न ही यह खबरें गोदी मीडिया के अखबारों की जीनत बनी।

उत्तर प्रदेश में जहां अगले साल एलेक्शन होने वाले है, अकलियती तब्के का खासकर मुसलमानेां के खिलाफ शरपसन्द अनासिर के जरिये जुल्म व बरबरियत की इन्तेहा कम होने का नाम नहीं ले रही है। उत्तर प्रदेश में मुसलमानों की माब लिंचिंग और हिन्दुत्व ताकतों के जरिये लोगों से जय श्रीराम का नारा जबरन लगवाने के मामलात लगता सामने आ रहे है। ताजा मामला बलंदशहर के उमर रसीदा बाशिन्दे अब्दुस्समद सैफी के साथ पेश आया। बताया जाता है कि अब्दुस्समद सैफी को हिन्दुत्व ब्रिगेड से वाबस्ता कुछ शरपसन्द अनासिर ने अगवा कर लिया और फिर बेरहमी से उनको पीटा। बाद में बदमाशों ने बारेश अब्दुस्समद की दाढी भी काट डाली। दाढी काटने से पहले शरपसन्द अनासिर ने उनसे जय श्रीराम का नारा बनंद करने को कहा।

वाजे रहे कि इस पूरे वाकये का वीडियों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें साफ देखा जा सकता है कि कुछ नवजवान लडके लाठी डण्डों से बुजुर्ग की पिटाई कर रहे है। और चाकू से उनकी दाढी भी काट रहे है। पुलिस ने इस वाकये के कलीदी मुल्जिम प्रवेश गूजर को गिरतार भी कर लिया है। अब्दुस्समद सैफी ने दावा किया है कि इन पर हमलाआवर शरपसंद अनासिर ने अपनी एक वीडियों भी दिखाई जिसमेें वह किसी दूसरे मुस्लिम पर मुबैयना तौर से हमला आवर है। उन्होंने अपने बयान में मजीद कहा कि वह इससे पहले कई मुसलमानों का कत्ल कर चुके है। इसके अलावा तीन दिनों पहले कानपुर में चन्द शरपसन्दो ने अशरफ अली को सिर्फ इस बिना पर अपनी गाडी उस पर चढा कर मार डाला कि उसने मुल्जिम कुलदीप और उसके साथियों को सरे आम पेशाब करने से रोका था। कुछ दिनों कब्ल यमुना बिहार देहली के एक मुस्लिम खानदान पर शरपसन्द अनासिर ने हमला कर दिया। और लूटमार के बाद ख्वातीन और मर्दों की पिटाई भी की। ऐसा महसूस होता है कि मुल्क में शरपसन्द अनासिर को छूट मिली हुयी है कि वह अकलियती तब्के के लोगों को जिस तरह चाहें परेशान करें।

हमारा मुल्क आज कल सिर्फ कोरोना जैसी वबा से ही नहीं जूझ रहा है बल्कि फिरकापरस्ती की लानत और नफरत की सियासत भी है। जो कोरोना वबा से भी ज्यादा खतरनाक है। मुल्क में जो फिरकापरस्ती का जहेर घोला गया है और नफरत की जिस तरह से आबयारी की गयी है यह सब उसी का नतीजा है।
हिन्दुस्तान का मुसलमान गुजिश्ता 73 सालों से बराबर कौमी यकजेहती, भाई चारा, प्यार मोहोब्बत, अमन इत्तेहाद, हुब्बुलवतनी औेर मुल्क दोस्ती का नारा देता आ रहा है। आजादी के बाद से आज तक मिल्लते इस्लामियाये हिन्द ने कोई ऐसा काम अन्जाम नहंी दिया जिससे उन पर गद्दारी का इल्जाम आयेद हो सके। हां यह जरूर हुआ कि मुल्क के मुसलमानों की वफादारी का यह तोहफा दिया गया कि उनको दलितों से बदतर बना दिया गया। तालीमी तिजारती, समाजी और मआशी ऐतबार से मुसलमानों को पसमान्दगी की कालकोठरी मेें झोंक दिया गया। वाजे रहे कि 2014 से मुसलमानेां पर जुल्म व तशद्दुद का बिल्कुल नया ट्रेंड शुरू हुआ है जो थमने का नाम नहीं ले रहा है। हुजूमी तशद्दुद के गुनहगारों की खुले आम हिमायत की जा रही है। ख्वाह मरने वाला पुलिस वाला ही क्यों न हो। इसके लिये सिर्फ यह जरूरी है कि मारने वाला हिन्दू हो।

आजकल के हालात और कांग्रेस के दौर के हालात बिल्कुल एक जैसे है। बरसों पहले कांग्रेस के दौरे हुकूमत में मलियाना (मेरठ) में मुसलमानेां का कत्ले आम हुआ था उस वक्त उत्तर प्रदेश पुलिस मुसलमानों को ट्रक में भर कर ले गयी थी और अन्धाधुध गोलिया बरसा कर मुसलमानेां की लाशों को नहर में फेंक दिया था। उन मुल्जिम पुलिस वालों ने जो बचे थे उन्हें हाल ही अदालत से क्लीन चिट मिल गयी है। आसाम की नीली का वाकेआ सबको याद होगा। जहां तकरीबन दो हजार मुसलमानों का कत्ले आम किया गया था। इस तशद्दुद के पीछे जो सबसे बडा लीडर था उसे लोग प्र्रफुल कुमार महिंसा के नाम से जानते है। दरअस्ल कुछ चन्द बरसों से हिन्दुस्तानी समाज का बहुत तेजी के साथ जवाल हो रहा है। यहां सब कुछ मजहबी चश्में से देखा जा रहा है। इस वक्त मुल्क के मौजूदा हालात बेइन्तेहा खराब है। हर कोई परेशान और मुतफक्किर है। इसकी तरफ ध्यान देने की जरूरत है। आज मुल्क में सियासतदां जो खेल रहे है वह मुल्क के मुस्तकबिल के लिये ठीक नहंी है। किसी भी मुल्क की तामीर व तरक्की जब भी मुमकिन हो जब उसमें इस मुल्क के हर बाशिन्दे की शिरकत हो। आज वोट के लिये मुल्क को हिन्दू और मुसलमान में तकसीम कर दिया गया है जिसकी वजह से मुसलमानों पर तशद्दुद और जराएम के वाकेआत रोशनी में आ रहे है। यह बात याद रखने वाली है कि वत्ने अजीज की आजादी के लिये जिस तरह बरादराने वतन ने अपनी जानों की कुरबानी दी थी बिल्कुल इसी तरह हिन्दुस्तान में रहने वाले दूसरे बाशिन्दों ने खून का तोहफा पेश करके आजादी हासिल की है। इसलिये जब इस मुल्क की आजादी और उसके बाद तामीर व तरक्की में तमाम तब्कात की कोशिशें शामिल हैं तो फिर तरह के वाकेआत क्यों पेश आते है? इन सब बातों पर मुल्क के अवाम को और मुल्क के सियासतदानों को गौर करना होगा।