लखनऊ

नुक्कड़ नाटक से ताजा हुई चौरी-चौरा कांड की यादें

चौरी-चौरा शताब्दी महोत्सव के अंतर्गत शिया कालेज में किया गया नुक्कड़ नाटक का मंचन

शिया पी.जी. कालेज में आज चौरी-चौरा शताब्दी महोत्वसव के अंतर्गत महाविद्यालय परिसर में एक नुक्कड़ नाटक का मंचन किया गया। जिसका आयोजन कल्चरल कमेटी एवं स्टूडेंट काउंसिल के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।

इस अवसर पर नुक्कड़ नाटक के पात्रों ने अपने भावों से चौरी चौरा कांड का सजीव वर्णन कर दर्शकों को झकझोर दिया। नाटक में अंग्रेजों द्वारा भारतीयों पर किये गये जुल्मों की दास्तां को दिखाते हुए चौरी चौरा काण्ड की पृष्ठभूमि और उसके कारणों को भी दर्शाया गया।

नाटक का मंचन करने वाले छात्रों में मुख्य रूप से प्रखर, मुख्तार, आतिफ, सचिन, आलोक, गनिया और फिरदौस आदि शामिल रहे। इस अवसर पर डॉ. सादिक हुसैन आबिदी, डॉ. जर्रीन जेहरा रिजवी, डॉ. नफीस हाशिम रिजवी, डॉ0 निशात फातिमा, डॉ0 प्रदीप शर्मा, डा. सीमा राना, डॉ. फैज मुज्तबा, डॉ. राबिन वर्मा, डॉ. अंकुर सिंह, डा. अम्बरीश उपाध्याय, डॉ. अशद मिर्जा, श्री राजकुमार सैनी आदि मौजूद रहे।

शिया कॉलेज में गांधी जयंती की पूर्व संध्या पर आयोजित की गई संगोष्ठी

शिया पी.जी. कॉलेज में आज गांधी जयंती की पूर्व संध्या पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी कॉलेज की कल्चरल कमेटी, ग्रीन कैम्पस इनीशिएटिव कमेटी और स्टूडेंट काउंसिल के संयुक्त तत्वावधान में महाविद्यालय परिसर में आयोजित की गई।

इस अवसर पर वक्ताओं ने मुख्य रूप से महात्मा गांधी जी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला। वक्ताओं ने कहा कि गांधी जी के जीवन से हमें सही मायने में जीवन जीने की शिक्षा मिलती है। उन्होंने अपने व्यक्तित्व और कृतित्व के माध्यम से यह साबित कर दिया कि चाहे कितनी भी विपरीत परिस्थितियां क्यों न हो, लेकिन संकल्प शक्ति से उससे निजात पाया जा सकता है। किसी भी समस्या का सत्य, अहिंसा और प्रेम के माध्यम से धैर्य के साथ निदान किया जा सकता है। उनका व्यक्तित्व यह भी बताता है कि हम जिस तरह के व्यवहार की अपेक्षा दूसरों से करते हैं, उसी तरह का व्यवहार हमें भी अपने जीवन में उतारने की आवश्यकता है। डॉ. जर्रीन जेहरा रिजवी, डा. सीमा राना, डॉ. फैज मुज्तबा, डॉ. राबिन वर्मा आदि ने अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर विद्यार्थियों की तरफ से सचिन गिरि, आलोक गुप्ता, गनिया, फिरदौस, मुख्तार, प्रखर आदि ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ0 निशात फातिमा, डॉ0 प्रदीप शर्मा, डॉ0 योगेन्द्र पाण्डेय, अभिषेक श्रीवास्तव, जयशंकर कश्यप, धर्मेन्द्र कुमार, राजकुमार सैनी, शादाब रिज़वी आदि सैकड़ो की संख्या में विद्यार्थियों के साथ मुख्य रूप से मौजूद रहे।

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