लखनऊ:
चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ ने आज महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य, उत्तर प्रदेश से मुलाकात कर उन्हें स्थानांतरण नीति 2023 में हो रही गड़बड़ियों से अवगत कराया। उन्हें बताया गया कि पूर्व में हुए स्थान्तरण में किसी भी कर्मचारी व अधिकारी को स्थानांतरण भत्ता आज तक नहीं दिया गया और विभाग द्वारा पूरे वर्ष जिला चिकित्सालयों को उच्चीकृत कर मेडिकल कॉलेज बनाए जाने पर जो शासन की मंशा है 10 से 20 परसेंट स्थानांतरण कि वह स्वतः पूरी हो चुकी है. आज की तारीख में भी कई कई जिला चिकित्सालय के अधिकारी एवं कर्मचारी स्वास्थ्य भवन में डेरा डाले हुए हैं उनको नियुक्ति का स्थान नहीं मिल पा रहा है.

अशोक कुमार, प्रधान महासचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ उत्तर प्रदेश द्वारा दी गयी जानकारी के मुताबिक चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ ने साथ ही यह भी अवगत कराया गया कि स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कोई स्थान्तरण नीति हर वर्ष की भांति अलग से जारी नहीं हुई है फिर भी पोर्टल पर स्वयं के अनुरोध पर स्थानांतरण की प्रक्रिया जारी कर दी गई है.

अशोक कुमार के मुताबिक इन सब प्रकरणों से महानिदेशक महोदय को जब अवगत कराया गया तो महानिदेशक महोदय का रूख सकारात्मक नहीं रहा. जब इनसे हम लोगों ने कहा कि आपके द्वारा शासन स्तर पर पूर्व से रखी गई बैठक क्यों कैंसिल कराई गई उन्होंने साफ साफ शब्दों में कहा कि हमारे संज्ञान में नहीं है जबकि शासन के अनुभाग 4 से महानिदेशक के निर्देश पर ही पत्र जारी किया गया है, ऐसी परिस्थितियों में लगता है जो आंदोलन की घोषणा चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ द्वारा किया गया है वह 20 तारीख से अवश्य ही होगा और शासन-प्रशासन हम लोगों से बात ना करके आंदोलन की तरफ अग्रसर कर रहा है।