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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि पार्टी ने उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले गठबंधन के लिए बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती से संपर्क किया था, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया।

गांधी ने कहा, ‘हमने मायावती से संपर्क किया और उन्हें मुख्यमंत्री पद की पेशकश की, लेकिन उन्होंने मना कर दिया।’ वायनाड के सांसद ने कहा कि बसपा नेता ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया क्योंकि उन्हें डर था कि सरकार उन्हें डराने के लिए सीबीआई, ईडी और पेगासस का इस्तेमाल करेगी। उन्होंने कहा, ‘कांशीराम जी ने यूपी में दलितों की आवाज उठाई, इसने कांग्रेस को भी प्रभावित किया। इस बार वह (मायावती) दलित आवाज के लिए नहीं लड़ीं क्योंकि सीबीआई, ईडी और पेगासस हैं।’

गांधी कांग्रेस नेता के राजू द्वारा संपादित द दलित ट्रुथ की पुस्तक के विमोचन के अवसर पर बोल रहे थे। इस कार्यक्रम का आयोजन समृद्ध भारत फाउंडेशन ने राजीव गांधी फाउंडेशन के सहयोग से किया था। पैनलिस्टों में अनुराग भास्कर और जिग्नेश मेवाणी भी शामिल थे।

बसपा ने राहुल गांधी के दावों का जवाब नहीं दिया है। इस साल की शुरुआत में उत्तर प्रदेश में चुनाव हुए थे, जिसमें कांग्रेस ने विधानसभा में लगभग 403 सीटों में से सिर्फ दो पर जीत हासिल की थी। दूसरी ओर, बसपा केवल एक सीट जीतने में सफल रही, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दूसरी बार राज्य में सत्ता हासिल करने में कामयाब रही।

गांधी के अनुसार, एजेंसियों की तैनाती द्वारा सूचना रणनीति का उपयोग संवैधानिक मूल्यों का क्षरण कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘संस्थाओं के बिना, हम संविधान की रक्षा नहीं कर सकते।संविधान एक हथियार है जो बीआर अंबेडकर ने हमें दिया है। लेकिन आज यह हथियार बेकार है।’ उन्होंने कहा कि इन संस्थाओं को अपने अधिकार में लेने की प्रक्रिया महात्मा गांधी की हत्या के साथ शुरू हुई थी। ये संस्थान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के साथ हैं।

उन्होंने कहा, ‘भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जहां एक इंसान कुत्ते, घोड़े को छूएगा या कॉकरोच को मारेगा, लेकिन इसके बजाय दूसरे इंसान को छूने से इनकार करेगा।’ राहुल गांधी इस दौरान छोटे-बड़े में फर्क की बात कर रहे थे।