भारत की अग्रणी ड्रोन निर्माता कंपनी-मारुत ड्रोन्स ने नमो ड्रोन दीदी कार्यक्रम में 150 एसएचजी (स्वंय सहायता समूह) महिलाओं को एग्री ड्रोन तकनीकी से संचालित एग्रीकल्चर ड्रोन चलाने का प्रशिक्षण दिया। कार्यक्रम सशक्त नारी-विकसित भारत में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल उपस्थिति के माध्यम से मारुत ड्रोन्स द्वारा प्रशिक्षित 150 से अधिक ड्रोन पायलटों को आकाश में मारुत के एजी365 ड्रोन्स को उड़ाते देखा।

मारुत ड्रोन्स के सीईओ एव संस्थापक प्रेम कुमार विस्लावाथ ने इस कीर्तिमान के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “मारुत ड्रोन ने ड्रोन तकनीकी का लाभ महिला सशक्तीकरण व समानता को आगे बढ़ाने के लिए लिया है, हमें पुरुष वर्चस्व वाले क्षेत्रों जैसे कृषि व एयरोस्पेस में महिला ड्रोन पायलटों को बाधाओं को दूर करने में सहयोग करते हुए गर्व का अनुभव हो रहा है। मारुत ड्रोन्स की सफलता 100 नमो ड्रोन्स दीदियों में से 150 को सशक्त बनाते हुए ग्रामीण समृद्धि को आकार देने में आवश्यक भागीदार बनने में निहित है। मारुत का डीजीसीए द्वारा स्वीकृत समग्र प्रशिक्षण कार्यक्रम ड्रोन पायलट बनने की आकांक्षा रखने वाली महिलाओं की बाधाओं को दूर करता है। महिलाओं में आर्थिक व वित्तीय स्वतंत्रता को पोषित करने के मारुत के उद्देश्य में महिलाएं अटूट साझीदार हैं, ग्रामीण महिलाएं अब ड्रोन पायलट हो रही हैं – यह भारत का एक नया आरंभ है।”

मारुत ड्रोन्स के प्रशिक्षित एसएचजी महिलाओं की सफलता लैंगिक समावेशन लाने में ड्रोन प्रौद्योगिकी की दक्षता को प्रमुखता से रेखांकित करती है। मारुत के ड्रोन पायलट प्रशिक्षण पाठ्यक्रम ने 150 एसएचजी महिलाओं पर सकारात्मक प्रभाव डाला है। सरकारी पहलों और मारुत की ड्रोन प्रौद्योगिकी के माध्यम से, मारुत का उद्देश्य महिला किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण को प्रोत्साहित करना है और उन्हें आधुनिक कृषि के तरीकों में नवोन्मेष के लिए सक्षम बनाना है।
मारुत ड्रोन्स से प्रशिक्षित उत्तर प्रदेश के प्रयाग जिले के फूलपुर की 90 महिलाओं और बिहार के चंपारण पूर्वी व मोतीहारी से 60 महिलाओं ने राष्ट्र को अपने अद्भुत ड्रोन प्रशिक्षण कौशल दिखाए।