कोलकाता: चक्रवाती तूफान यास से हुए नुकसान के आंकलन के लिए आयोजित समीक्षा बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्ममंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को करीब 30 मिनट तक इंतजार कराया। बाद में बैठक में शामिल हुई बनर्जी ने चक्रवात से राज्य को हुए नुकसान की रिपोर्ट सौंपी।

परिसर में थीं मौजूद
सूत्रों के अनुसार, ममता बनर्जी राज्य के मुख्य सचिव के साथ समीक्षा बैठक में करीब 30 मिनट की देरी से पहुंची थी। बताया जा रहा है कि वह उसी परिसर में थी। इसके बाद भी वे ज्यादा वक्त वहां पर नहीं रुकी और दूसरी मीटिंग में हिस्सा लेने की बात कहकर तुरंत वहां से निकल गई।

धनकड़ ने किया ट्वीट
बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनकड़ ने ट्विटर पर लिखा कि प्रधानमंत्री के साथ मुख्यमंत्री और अधिकारियों का समीक्षा बैठक में हिस्सा लेना राज्य और लोगों के हितों में होता। टकराव का रुख राज्य के हितों और लोकतंत्र को बीमार करता है। मुख्यमंत्री और अधिकारियों का हिस्सा नहीं लेना संवैधानिकता और कानून के शासन के अनुरूप नहीं है।

ममता ने दिया जवाब
धनकड़ के ट्वीट का जवाब देते हुए ममता ने कहा कि उक्त बैठक के बारे में उन्हें अवगत नहीं कराया गया था। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि वह प्रधानमंत्री से अलग से मिली और उन्हें जमीनी हकीकत से अवगत कराया। उस वक्त वहां पर कोई नहीं था। इस दौरान पीएम को राज्य सरकार की चक्रवाती तूफान के आंकलन की रिपोर्ट सौंपी और राज्य के लिए 20 हजार करोड़ के पैकेज की मांग की। इसके बाद ममता बनर्जी मुख्य सचिव के साथ पश्चिम बंगाल के दीघा इलाके में राहत और पुननिर्माण कार्यां के लिए निकल गई।

सुवेंदु अधिकारी को मीटिंग में बुलाए जाने से थीं नाराज़
प्रधानमंत्री मोदी और ममता बनर्जी के बीच शुक्रवार दोपहर 2ः30 से 3ः30 के बीच पश्चिमी मेदिनीपुर जिले के कलईकुंडा में मीटिंग होनी थी। सूत्रों के अनुसार, ममता बनर्जी प्रधानमंत्री कार्यालय के पश्चिम बंगाल के नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी को मीटिंग में बुलाए जाने से नाराज थीं।