लखनऊ: भाकपा (माले) की राज्य इकाई ने कानपुर जिले में नाबालिग बेटी के साथ गैंगरेप की पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद पिता को रोड एक्सीडेंट में कुचलकर मौत की नींद सुला देने की घटना पर गहरा शोक और आक्रोश व्यक्त किया है।

पार्टी के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने गुरुवार को जारी बयान में कहा कि रेप पीड़िताओं को न्याय मिलना तो दूर, बेटियों के साथ हुए यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराना भी अभिभावकों के लिए अपनी जान पर आफत को न्योता देने के बराबर है। कुछ ही दिन पहले हाथरस के सासनी थानाक्षेत्र में बेटी के साथ छेड़खानी की एफआईआर दर्ज कराने वाले पिता को जमानत पर छूटे मुख्य आरोपी ने अपने गुर्गों के साथ दिनदहाड़े गोलियों से छलनी कर हत्या कर दी थी।

कामरेड सुधाकर ने कहा कि हाथरस की घटना (01 मार्च, सोमवार) के एक सप्ताह के अंदर कानपुर जिले की उक्त घटना (08 मार्च, सोमवार) हो गई। यह दिखाता है कि प्रदेश में सरकार या कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई है और यहां पूरी तरह जंगल राज है, जिसमें अपराधियों को खुली छूट और संरक्षण है। ऐसे में माले नेता ने सवाल किया कि न्याय मांगने के बजाय यौन उत्पीड़न की शिकार बेटियों के अभिभावकों को क्या खामोश रहना चाहिए, क्योंकि प्रदेश में एक ऐसे मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाली सरकार है जो पीड़िताओं के परिवार की सुरक्षा तक नहीं कर सकती?

माले राज्य सचिव ने कहा कि कानपुर में सजेती इलाके के बीबीपुर गांव की आठवीं कक्षा की 13 वर्षीय छात्रा (पीड़िता) के परिवार वालों का स्पष्ट कहना है कि शिकायतकर्ता पिता को ट्रक से कुचलकर मार डाला गया है और इसमें पुलिस की भी मिलीभगत है, क्योंकि मुख्य आरोपी के पिता पुलिस में दरोगा और बगल के जिले में तैनात हैं। इसके पहले, मुख्य आरोपी के संबंधियों ने पीड़िता के परिवार को मुंह बंद रखने की धमकी भी दी थी। यही नहीं, जांच के नाम पर पीड़िता को पुलिस द्वारा परेशान किया गया और उसे यहां-वहां दौड़ाया जाता रहा। इस सबके बावजूद, बेटी को न्याय दिलाने की कोशिश के तहत पिता एफआईआर के बाद जब बेटी का अस्पताल में बुधवार को चिकित्सीय परीक्षण करा रहे थे, तभी अस्पताल के सामने ट्रक ने उन्हें कुचल दिया और उनकी मौत हो गयी।

माले नेता ने कहा कि सोमवार को रेप की घटना की रिपोर्ट मंगलवार को दर्ज हुई और बुधवार को पीड़िता के पिता की कुचलने से मौत हो गई। यह महज कोई संयोग नहीं, बल्कि इसके पीछे गहरी साजिश की बू आती है।

माले राज्य सचिव ने कहा कि पूरे प्रकरण की निष्पक्ष और उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिये और हर हाल में दोषियों को कठोरतम सजा व पीड़िता को त्वरित न्याय सुनिश्चित किया जाना चाहिए।