लखनऊ
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले) ने लखीमपुर खीरी के तिकुनिया कांड में गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी की बर्खास्तगी व गिरफ्तारी की मांग को लेकर आज यहां पुलिस के भारी बंदोबस्त के बीच परिवर्तन चौराहे से मार्च निकाला। मार्च का नेतृत्व राज्य सचिव सुधाकर यादव ने किया।

प्रदर्शनकारी मार्च करते हुए जिलाधिकारी कार्यालय जाकर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन देना चाहते थे। मगर कुछ दूर जाने के बाद पुलिस ने उन्हें रोका, जिस पर कार्यकर्ताओं और पुलिसकर्मियों के बीच संघर्ष हुआ। धक्कामुक्की और योगी व मोदी सरकार विरोधी जोरदार नारों के बीच प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर सभा शुरू कर दी।

कामरेड सुधाकर ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि मोदी सरकार एक अपराधी को संरक्षण दे रही है। गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के हाथ चार-चार किसानों और एक पत्रकार की हत्या के खून से रंगे हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) की जांच में खुलासा हुआ है कि हत्याकांड सोची-समझी साजिश थी। जेल में बंद टेनी के पुत्र सहित 13 अभियुक्तों पर एसआईटी जांच के निष्कर्षों पर धाराएं भी बदली गईं हैं। अब न्यायहित में लोकतंत्र का तकाजा है कि टेनी मंत्रिमंडल से बाहर किये जायें। राज्य सचिव ने कहा कि यदि किसानों की हत्या की साजिश में मंत्रिपुत्र शामिल है, तो खुद मंत्री इससे बरी कैसे हो सकते हैं। हत्याकांड मंत्री के इशारे पर हुआ है। लिहाजा टेनी को मुख्य साजिशकर्ता के तौर पर गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए।

उनके अलावा सभा को माले जिला प्रभारी रमेश सिंह सेंगर, राज्य समिति सदस्य कामरेड मीना, आशा वर्कर्स की राज्य संयोजक सरोजिनी बिष्ट, आइसा प्रदेश अध्यक्ष आयुष, जिला संयोजक प्राची और इंकलाबी नौजवान सभा के नेता राजीव ने संबोधित किया। सभा के बाद राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन मौके पर मौजूद एसीपी (पश्चिम) आईपी सिंह को सौंप दिया गया। मार्च में कमला गौतम, रमेश शर्मा, मगन, कलीम खान, कौशल किशोर, रामसेवक, सतीश राव, आदर्श, अंजलि, निखिल, तुषार, डोरीलाल आदि शामिल रहे।

राज्यव्यापी आह्वान पर लखनऊ के अलावा, सीतापुर, प्रयागराज, जालौन, मथुरा, गाजीपुर, मऊ, भदोही, चंदौली, सोनभद्र, मिर्जापुर, आजमगढ़ सहित अन्य जिलों में भी प्रदर्शन हुए।