नयी दिल्ली: जयपुर साहित्य महोत्सव में वर्चुअल रूप से प्रतिभाग करते हुए नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई ने रविवार को कहा कि उनका सपना है कि भारत और पाकिस्तान “अच्छे दोस्त” बनें । उन्होंने कहा कि लोगों को सीमाओं के अंदर रखने की नीति अब काम नहीं करती हैं और भारत तथा पाकिस्तान के लोग शांति से रहना चाहते हैं।

हर देश में हो अल्पसंख्यकों की सुरक्षा
उन्होंने यह भी कहा कि अल्पसंख्यकों को हर देश में सुरक्षा की आवश्यकता है, चाहे वह पाकिस्तान हो या भारत, यह मुद्दा धर्म से नहीं जुड़ा हुआ है, बल्कि अधिकारों के हनन से जुड़ा हुआ है और इसे गंभीरता से लेना चाहिए।

“शांतिपूर्ण तरीके से विरोध” पर पाबन्दी चिंता की बात
बालिका शिक्षा की हिमायत करने वाली पाकिस्तानी कार्यकर्ता यूसुफजई को अक्टूबर 2012 में तालिबान के आतंकवादियों ने सिर में गोली मार दी थी, लेकिन वह बच गई थी। यूसुफजई ने कहा कि इंटरनेट सेवाओं पर पाबंदी लगाया जाना और भारत में “शांतिपूर्ण तरीके से विरोध” करने वाले कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी की खबर “चिंताजनक” है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार लोगों की मांगों पर ध्यान देना सुनिश्चित करेगी।

भारत और पाकिस्तान बनें अच्छे दोस्त
उन्होंने कहा, “भारत और पाकिस्तान को अच्छे दोस्त बनते देखना मेरा सपना है, ताकि हम एक-दूसरे के देशों में जा सके। आप पाकिस्तानी नाटक देखना जारी रख सकते हैं, हम बॉलीवुड फिल्में देखना और क्रिकेट मैचों का आनंद लेना जारी रख सकते हैं।” वह जयपुर साहित्य महोत्सव (जेएलएफ) के समापन दिवस पर अपनी किताब “आई एम मलाला: द स्टोरी ऑफ द गर्ल हू स्टूड अप फॉर एजुकेशन एंड शॉट बाई द तालिबान” के संबंध में अपने विचार रख रही थीं। यह महोत्सव डिजिटल तरीके से आयोजित किया गया।