नई दिल्ली: इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल ने क्रिकेट में फिक्सिंग को लेकर बड़ा बयान दिया है। उसके मुताबिक, भारत मैच फिक्सिंग और भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है। आईसीसी की एंटी करप्शन यूनिट (एसीयू) के पदाधिकारियों की मानें तो 2013 में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) स्पॉट फिक्सिंग कांड का खुलासा भी भारतीय क्रिकेट में भ्रष्टाचार को खत्म करने में मददगार नहीं साबित हुआ है।

एसीयू के पदाधिकारियों का कहना है कि सट्टेबाज अब राज्यस्तरीय लीगों को अपना निशाना बनाते हैं। यही नहीं, वह उन छोटी-छोटी प्रतियोगिताओं में भी इसे (फिक्सिंग) फैलना चाहते हैं, जिनमें छोटे-मोटे खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल की एसीयू के कोऑर्डनेटर ऑफ इन्वेस्टीगेशंस स्टीव रिचर्डसन ने स्पोर्ट्स लॉ एंड पॉलिसी को लेकर आयोजित वेबिनार में कहा, हम 50 जांच कर रहे हैं और इनमें से ज्यादातर के तार भारतीय भ्रष्टाचारियों से जुड़े हैं।

हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक, रिचर्डसन ने बताया, ‘हम फिलहाल भ्रष्टाचार से जुड़े कई मामलों की जांच कर रहे हैं। इनमें 50 मामले भारत से जुड़े हुए हैं।’ हालांकि अब तक इस मामले में किसी खिलाड़ी का नाम सामने नहीं आया है। उन्होंने कहा, ‘खिलाड़ी चेन का आखिरी हिस्सा होते हैं। परेशानी यह है कि जो वाकई में इससे जुड़े हैं वे मैदान के बाहर बैठते हैं। मैं भारतीय सरकारी एजेंसियों को ऐसे आठ नाम दे सकता हूं, जो खिलाड़ियों को पैसा देकर उन्हें फंसाने की कोशिश कर रहे हैं।’

पिछले साल कर्नाटक प्रीमियर लीग (केपीएल) में कई लोगों पर फिक्सिंग से जुड़े आरोप लगाए गए थे। इसमें खिलाड़ियों के साथ-साथ टीम के मालिक भी शामिल थे। इन लोगों के खिलाफ जांच के लिए चार्जशीट भी दायर की जा चुकी है।