मुंबई:
महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में बगावत करने वाले विधायकों को 24 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए उन्हें मुंबई आने और आमने सामने बात करने के लिए कहा है। ऐसा नहीं करने पर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। अगर बागी 24 घंटे के भीतर मुंबई नहीं आते हैं तो बातचीत के सारे रास्ते बंद हो जायेंगे।

उद्धव ठाकरे ने आज जिला प्रमुखों की बैठक में शिवसैनिकों से कहा कि उस समय मेरी तबीयत ठीक नहीं थी. कंधे से लेकर पैरों तक कोई हलचल नहीं थी. कुछ लोगों को लगा कि मेरी तबीयत ठीक नहीं होगी. लोग दुआ कर रहे थे कि मैं ठीक न हो जाऊं लेकिन मुझे ऐसे लोगों की परवाह नहीं है. देवी जगदम्बा ने मुझे शक्ति और जिम्मेदारी सौंपी है. हम पिछले ढाई साल से कोविड से लड़ रहे हैं. उसके बाद मुझे एक सर्जरी से गुजरना पड़ा और अब यह समस्या आ खड़ी हूई. हमें याद रखना चाहिए कि अलग-अलग समय पर अलग-अलग लोगों ने हमारे साथ कैसा व्यवहार किया. उन्होंने कहा कि मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मुझे यह (सीएम) पद मिलेगा.

उद्धव ने कहा मैं पिछले 6-7 महीने से बीमार हूं. जिस दिन मैंने वर्षा (सीएम आवास) छोड़ा, उस दिन मुझे जो कहना था, कह दिया था. उन्होंने कहा कि मैंने वर्षा को छोड़ा है, लड़ाई नहीं. सत्ता को लेकर मुझे कोई लालच नहीं. मुझमें अभी भी लड़ने की इच्छाशक्ति है. जिस तरह से बगावत हुई, वह सही नहीं है. मैं उन्हें (बागियों को) चुनौती देता हूं कि वे ठाकरे और शिवसेना के नाम का इस्तेमाल किए बिना सर्वाइव नहीं कर सकते. कुछ लोग कह रहे हैं कि पार्टी में बगावत के पीछे मैं ही कारण हूं, आखिर मैं अपनी ही पार्टी में बगावत क्यों करवाऊंगा?

वहीँ आदित्य ठाकरे ने जिला अध्यक्षों के साथ बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि सत्ता आती जाती रहती है. हम सत्ता के लालची नहीं हैं. हमें परिवार के सदस्य ने धोखा दे दिया. ज्यादा बोली लगी तो उन्होंने हमें छोड़ दिया. पहले भी लोगों ने शिवसेना को धोखा दिया है. सीएम उद्धव ने कहा है कि जो लोग पार्टी से जाना चाहते हैं, उन्हें जाने दो.