दिल्ली:
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की संसद सदस्यता की बहाली को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. वकील अशोक पांडे ने याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट से लोकसभा सचिवालय की सांसद बहाली अधिसूचना को रद्द करने की मांग की है. आपको बता दें कि याचिका दाखिल करने वाले वकील अशोक पांडे लखनऊ के रहने वाले हैं.
अपनी याचिका में वकील अशोक पांडे ने कहा कि ‘एक बार संसद या विधानसभा का कोई सदस्य लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 8(3) के तहत कानून के तहत अपना पद खो देता है, तो उसे तब तक अयोग्य ठहराया जाएगा जब तक कि उसे बरी न कर दिया जाए। किसी भी उच्च न्यायालय द्वारा आरोप।’ याचिका में वकील पांडे ने यह भी मांग की है कि चुनाव आयोग को वायनाड सीट पर दोबारा चुनाव कराने का निर्देश दिया जाए.
याचिका में आगे तर्क दिया गया है कि सीआरपीसी की धारा 389 अदालत को केवल दोषसिद्धि और सजा के खिलाफ अपील सुनने की अनुमति देती है ताकि सजा को निलंबित किया जा सके और अपीलकर्ता को जमानत पर रिहा किया जा सके। लेकिन, यह अदालत को दोषसिद्धि को निलंबित करने की अनुमति नहीं देता है।
आपको बता दें कि मोदी सरनेम मामले में गुजरात की निचली अदालत ने राहुल गांधी को 2 साल जेल की सजा सुनाई थी. इस फैसले के बाद लोकसभा सचिवालय ने राहुल की संसद सदस्यता रद्द कर दी थी. राहुल ने राहत के लिए गुजरात हाई कोर्ट में अपील की लेकिन वहां भी उन्हें राहत नहीं मिली. फिर कांग्रेस नेता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.
सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी थी लेकिन उन्हें आरोपों से बरी नहीं किया था. सजा पर रोक के बाद राहुल की संसद सदस्यता बहाल हो गई और उन्होंने संसद के मानसून सत्र में भी हिस्सा लिया. कांग्रेस ने राहुल की सजा पर रोक को लोकतंत्र की जीत और बीजेपी के मंसूबों की हार बताया था.
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