लखनऊ

लखनऊ पुस्तक मेला: 10 दिन में बिक गयीं 70 लाख रुपये की किताबें

लखनऊ:
महात्मा गांधी को नमन करते हुए बलरामपुर गार्डन में 23 सितम्बर से चल रहा उन्नीसवां राष्ट्रीय पुस्तक मेला आज अगले वर्ष तक के लिए विदा ले गया। अंतिम दिन मेले में खरीदारों की भारी तादाद रही।

मेले में आज उत्सवी माहौल रहा। हर बार मेले में उपस्थिति दर्ज कराने वाले सपा नेता राजेन्द्र चौधरी आज दल-बदल मेले में दिखायी दिये। स्टाल वालों ने इस बार के बिक्री अनुभव को अच्छा बताया। समापन समारोह में संयोजक मनोज सिंह चंदेल, सह संयोजक आस्था ढल, आकर्षण जैन ने मेले के सहयोगियों, प्रकाशकों और वितरकों को स्मृति चिह्न इत्यादि देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर संयोजक मनोज चंदेल ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि युवा पुस्तक प्रेमियों के उत्साहपूर्वक मेले में शामिल होने से यहां रौनक रही। साथ ही मेले में शिवमूर्ति, अखिलेश जैसे लेखकों की आमद मेले को लगातार रौशन करती रही। उन्होंने बताया कि इस बार लगभग 70 लाख की किताबें मेले में बिकी।

वैश्विक-ख्याति के चीनी भाषा के कथाकार श्वेमो की रचनाओं का आनन्दस्वरूप वर्मा द्वारा हिंदी में अनूदित उनकी 4 कथा रचनाएँ ’श्वेमों की चुनी हुई कहानियाँ ’ शीर्षक से प्रकाशन संस्थान नयी दिल्ली ने छापी हैं। इसका लोकार्पण वरिष्ठ लेखक बन्धु कुशावर्ती और लेखिका शिवाङ्गी मिश्रा ने दो युवा पाठकों के साथ किया। श्वेमो की इस कथाकृति की कहानियों के केन्द्र में परिवार एवं दाम्पत्य के साथ ही कोई न कोई दिल दहला देने वाली त्रासदी भी समोयी हुई हैं। उनकी तीन कहानियों ’बूढा़ शिनच्याङ, खू़बसूरती’ व ’आधी रात में बाकलाकी कलियों को चबाना’, ’आधी रात में बाकला की कलियों को चबाना’ के साथ एक लम्मी कहानी ’औरतों ऊँटों और ढोलों की दास्तान ’संकलित हैं, जो श्वेमों की गहरी संवेदना एवं सामाजिक चिन्तन की अन्तर्दृष्टि को सामने लाती हैं। साहित्यिक मंच पर आज कार्यक्रमों की शुरुआत राजकमल प्रकाशन की ओर से आयोजित पुस्तक विमोचन कार्यक्रम से हुई। दोपहर भर लक्ष्य साहित्यक संस्था की ओर से आयोजित काव्यगोष्ठी में काव्यरस बरसता रहा। इससे पूर्व राजकमल प्रकाशन समूह का साहित्यिक आयोजन हुआ। दोपहर में यहां भारतीय साहित्य परिषद की संगोष्ठी में विचारों के संग ही कविताओं की गूंज उठी। शाम को नवरात्र की वेला पर यहां डाण्डिया रास ने उल्लासमय माहौल बना दिया। इसके अलावा शायरी की महफिल भी सजी। इसके अलावा मेला प्रांगण में हिन्दी की दशा पर मनीषा चौधरी के संचालन और फीमिट्स की निदेशक डा.मंजू पाण्डे के निर्देशन में उसामा, अक्षिता मौर्या, रजत मिश्रा, सुयश साहू, मनीश शर्मा, शिवम कश्यप, हिमांशु शर्मा, स्नेहा गुप्ता, तरुण, सचिन वर्मा, अरविंद, तरंग जोशी, अभिषेक शुक्ला,, शिवम साहू, आदित्य वर्मा, गौरव मिश्र, मुहम्मद फैजान खान और स्नेहा गुप्ता ने नुक्कड़ नाटक हिन्दी बीमार है का प्रदर्शन किया।

आज मेले में देश भर में अंग दान, अंग प्रत्यारोपण को बढ़ावा देने और मिथकों को दूर कर जागरूकता पैदा करने के लिए राज्य अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन और संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान द्वारा जागरूकता सत्र का आयोजन डॉ.आर हर्षवर्धन, नोडल अधिकारी, सोटो-यू.पी. एवं एचओडी, विभाग के नेतृत्व में कल की तरह आज भी हुआ। लोगों ने मीनू किचेन के घर जैसे व्यंजनों का आनन्द भी मेला परिसर में लिया।

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