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मिली छूट तो शराब की दुकानों पड़े लोग टूट

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आज सुबह नौ बजे से पहले ही शराब और मॉडल शॉप की दुकानों पर लाइन लगनी शुरू हो गई। शराब की दुकानों पर लाइन लगने की खबरें पूरे प्रदेश से आ रही हैँ। कई जगह लाइन को लेकर छिटपुट विवाद की खबरें भी हैं। दुकानदारों को सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए लोगों को शराब बेचने की हिदायत दी गई है। उन्हें अपने दुकान के पास केवल पांच लोगों के जमा होने की इजाजत देने को भी कहा गया है लेकिन अधिकतर जगहों से आसपास में खड़ी भीड़ के पांच लोगों में शामिल होने को लेकर एक होड़ सी है। जाहिर है ऐसे में उनके लिए चुनौती पेश आ रही है। कई स्थानों पर लोगों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को दखल देना पड़ रहा है।

लखनऊ के रेड जोन में होने के बावजूद शहर में लॉकडाउन 3.0 की शुरुआत के साथ शराब की दुकानों को खोलने की अनुमति दी गई है। आबकारी विभाग के प्रमुख सचिव संजय भूसरेड्डी ने बाकायदा रविवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर शराब की दुकानों को ग्रीन जोन से लेकर रेड जोन में शराब और मॉडल शॉप की दुकानें खोलने की अनुमति दी। केवल कंटेनमेंट जोन में शराब की दुकानों को परमिशन नहीं दी गई है। सरकारी आदेश में शराब की दुकान में पांच लोगों से अधिक लोगों की भीड़ जमा नहीं होने देने की ताकीद की गई है साथ ही सोशल डिस्टेंडिस का खास ख्याल रखने की हिदायत के बावजूद एक बड़ी चुनौती दिख रही है। शराब की दुकानों को सुबह दस बजे से लेकर शाम के सात बजे तक खोलने की अनुमति है। लेकिन सोमवार को 9 बजे से पहले ही अधिकतर दुकानों पर लाइन लगने की खबरें आने लगी थी।

राजधानी लखनऊ में हजरतगंज क्षेत्र से लेकर गोमतीनगर, अलीगंज, महानगर सभी इलाकों में शराब की दुकानों पर लगी भीड़ की ही चर्चा है। कानपुर से लेकर वाराणसी से जो तस्वीरें आ रही हैं उसको लेकर एक नई चिंता सामने आ रही है। कानपुर के बर्रा बाईपास के चौराहे की तस्वीर तो हैरान करने वाली है। यहां पर सुबह 10 बजे तक ही सौ से अधिक लोगों की भीड़ जमा हो गई। शहर के पॉश इलाके स्वरूप नगर में एक शराब के ठेके पास भी साढ़े नौ बजे ही लंबी लाइन लग गई।

लॉकडाउन की वजह से राजस्व प्राप्ति के मोर्चे पर पैदा हुए संकट को देखते हुए प्रदेश सरकार ने सोमवार से न केवल शराब की दुकानों को खोलने की अनुमति दी है बल्कि जरूरी सामानों से जुड़े उद्योगों को पूरी क्षमता के साथ काम करने की इजाजत दी है। शराब की बिक्री से सरकारी खजाने को एक बड़ा हिस्सा मिलता है। इससे कमाई के ताजा वित्तीय वर्ष के आंकड़े तो उपलब्ध नहीं है लेकिन 2018-19 के आंकड़े के मुताबिक सरकार को केवल इस मद में 23,918 करोड़ की राजस्व आमदनी हुई थी। यह उसके पिछले साल के मुकाबले 38 गुना ज्यादा है। लेकिन चालू वित्तीय वर्ष में सरकार को इस मद में होने वाली आय तो गहरी चोट लगने का अनुमान था। वित्तीय वर्ष 2020-21 के पहले महीने अप्रैल में यह कारोबार पूरी तरह बंद रहा। लिहाजा लॉकडाउन 3.0 के दौरान सरकार ने इसपर लगी रोक को हटा दिया। लॉकडाउन के बाद से सरकार ने पूरी तरह शराब और पान गुटका के कारोबार पर पाबंदी लगा दी थी।

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