पटना: बिहार विधान सभा चुनाव से पहले एनडीए को बड़ा झटका लगा है. गठबंधन में तीसरी बड़ी पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. रविवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान के अध्यक्षता में पार्टी की केंद्रीय संसदीय बोर्ड की बैठक हुई, जिसमें विधानसभा चुनावों में एनडीए से अलग होकर अकेले चुनाव लड़ने का निर्णय लिया गया.

मोदी से नाराज़गी नहीं
लोजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में भाजपा के साथ गठबंधन के पक्ष में एक प्रस्ताव पारित किया गया और कहा गया कि उसके विधायक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हाथ मजबूत करने का काम करेंगे.

जेडीयू से मतभेद
एलजेपी ने बयान जारी करते हुए कहा, “राष्ट्रीय स्तर व लोकसभा चुनाव में भाजपा, लोक जनशक्ति पार्टी का मजबूत गठबंधन है. राजकीय स्तर पर व विधानसभा चुनाव में गठबंधन में मौजूद जनता दल (यूनाइटेड) से वैचारिक मतभेदों के कारण बिहार में लोक जनशक्ति पार्टी ने गठबंधन से अलग चुनाव लड़ने का फैसला किया है.”

चुनाव बाद भाजपा को समर्थन
पार्टी ने आगे कहा, “चुनाव परिणामों के उपरांत लोक जनशक्ति पार्टी के तमाम जीते हुए विधायक प्रधानमंत्री मोदी जी के विकास मार्ग के साथ रहकर भाजपा-लोजपा सरकार बनाएंगे.”

28 अक्तूबर को पहले चरण का चुनाव
गौरतलब है कि बिहार में विधानसभा चुनाव का पहला चरण 28 अक्तूबर को है। राजद नेतृत्व वाले महागठबंधन ने सीटों के बंटवारे का एलान कर दिया है, लेकिन एनडीए ने अभी सीट बंटवारे को लेकर अंतिम फैसला नहीं किया है. हालांकि सूत्रों की माने तो बिहार चुनाव में भाजपा और जदयू आधी-आधी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. लोक जनशक्ति पार्टी को इससे बाहर रखा गया है.