लखनऊ
भाकपा (माले) की राज्य इकाई ने कहा है कि दिशा रेप-मर्डर केस की जांच के लिए बने न्यायिक आयोग की तरह योगी सरकार में एनकाउंटरों की भी जांच के लिए न्यायिक समिति बने ताकि सच्चाई सामने आए।

उल्लेखनीय है कि 2019 में तेलंगाना में वेटनरी डॉक्टर दिशा की रेप के बाद जलाकर मार देने की घटना हुई थी। इसके चार आरोपियों का हैदराबाद पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया था। वाहवाही के साथ इस पर सवाल भी उठे थे। इसकी जांच न्यायमूर्ति शिरपुरकर आयोग ने की और एनकाउंटर को फर्जी बताया। इस रिपोर्ट की बुनियाद पर सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को दोषी पुलिस अधिकारियों को सजा देनी की संस्तुति कर दी।

राज्य सचिव सुधाकर यादव ने कहा कि योगी सरकार के पहले कार्यकाल में उत्तर प्रदेश ठोंक दो नीति के चलते फर्जी मुठभेड़ों और हिरासती हत्याओं में अव्वल रहा। इन हत्याओं को उपलब्धि बता कर सरकार अपनी पीठ भी थपथपाती रही है।
उन्होंने कहा कि यही नीति अब भी जारी है, जिसके चलते मुख्यमंत्री योगी के दूसरे कार्यकाल में चंदौली, ललितपुर, फिरोजाबाद, सिद्धार्थनगर जैसी घटनाएं हुई हैं।

कामरेड सुधाकर ने कहा कि विपक्षी दलों और लोकतांत्रिक संगठनों द्वारा सरकार की उक्त ‘उपलब्धि’ पर लगातार सवाल उठाए गए हैं और इसे न्यायप्रणाली की अवहेलना बता कर जांच की मांग उठायी जाती रही है। लेकिन डबल इंजन की सरकार द्वारा इसे अनसुना किया गया है।

माले नेता ने कहा कि योगी सरकार में हुए एनकाउंटरों समेत चंदौली, फिरोजाबाद, सिद्धार्थनगर की हाल की घटनाओं में पुलिस द्वारा अंजाम दी गई हत्याओं की न्यायिक जांच होनी चाहिए, ताकि संविधान का राज स्थापित हो और पीड़ित परिवारों को न्याय मिल सके।