नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने मंगलवार को लक्ष्मी विलास बैंक को मोरेटोरियम में रख दिया है. आरबीआई ने कहा कि उसने यह फैसला इसलिए लिया क्योंकि उसके पास कोई विश्वसनीय रिवाइवल प्लान नहीं था. आरबीआई के मुताबिक, जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा और वित्तीय और बैंकिंग स्थिरता को देखते हुए उसने यह किया है. लक्ष्मी विलास बैंक लिमिटेड को 30 दिनों के लिए मोरेटोरियम में रखा गया है. 16 दिसंबर तक बैंक से पैसे विद्ड्रॉ करने की सीमा 25 हजार रुपये तय की गई है.
रिजर्व बैंक ने बताया कि लक्ष्मी विलास बैंक की वित्तीय स्थिति में तेज गिरावट आई है. बैंक को पिछले तीन सालों में लगातार नुकसान देखना पड़ा है, जिससे इसकी नेटवर्थ कम हुई है. इसके आगे किसी रणनीतिक योजना के अभाव, एडवांस की गिरावट और बढ़ते एनपीए से नुकसान जारी रहने का अंदेशा है. RBI ने यह भी बताया कि बैंक अपनी नकारात्मक नेटवर्थ और जारी नुकसान के समाधान के लिए पर्याप्त कैपिटल जुटाने में असफल रहा. साथ ही, इसने डिपॉजिट का लगातार विद्ड्रॉल और लिक्विडिटी का कम स्तर भी अनुभव किया है.
केंद्रीय बैंक ने इस पर भी जोर दिया कि लक्ष्मी विलास बैंक में गंभीर गवर्नेंस मामले सामने आए हैं. और हाल के सालों में उसके कामों ने उसके प्रदर्शन में गिरावट लाई है. यह बात ध्यान देने वाली है कि बैंक को सितंबर 2019 में प्रॉम्पट करेक्टिव एक्शन (PCA) फ्रेमवर्क में रखा गया था.
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