उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व प्रमुख सचिव अमल कुमार वर्मा ने फिडे आर्बिटर और शतरंज खिलाड़ी नवीन कार्तिकेयन की शतरंज और भगवत गीता को जोड़ती एक अनूठी किताब का बुधवार को लोकार्पण किया।

70 के दशक में आईएएस अकादमी में शतरंज चैंपियन रहे अमल कुमार वर्मा ने इस बारे में कहा कि भगवत गीता जीवन के हर नैतिक असमंजस का जवाब है। यह पहली बार है कि किसी ने शतरंज और भगवत गीता को आपस में जोड़ा है। मुझे विशेष रूप से गर्व है कि इस शोध कार्य का शतरंज जैसा लखनऊ से संबंध है।

यूपी स्टेट सीनियर शतरंज चैंपियन रहे डा.जुनैद अहमद ने इस किताब “18 गुणा 64, चेस क्लास, लाइफ लेशंस और भगवद गीता श्लोक के लिए किए गए शोध में सहयोग किया है। उन्होंने कहा कि इस किताब में भारतीय दर्शन और शतरंज की रचनाएं शतरंज प्रेमियों सहित सभी के लिए है।

डा.जुनैद अहमद ने आगे कहा कि यह किताब एक पुस्तक रचनात्मक व्याख्या है क्योंकि यह युद्ध के मैदान से शांति का संदेश देती हैः कुरुक्षेत्र और शतरंज बोर्ड। वहीं कई विद्वानों ने 18 अध्यायों में से प्रत्येक के लिए एक प्रतिनिधि श्लोक के साथ भगवद गीता का सारांश प्रस्तुत किया है। मैने भारत में सबसे लोकप्रिय सीक्वेंस चुना।

नवीन कार्तिकयेन ने बताया कि यहां संस्कृत में प्रत्येक श्लोक (संस्कृत में) के साथ एक शाब्दिक अनुवाद, दृश्य का चित्रण, जीवन दर्शन व्याख्या और शतरंज खिलाड़ियों के लिए एक विचार है। इन 18 में प्रत्येक अध्याय का समापन गेनरिख एम. कास्परियन (शतरंज अध्ययन के महानतम ग्रंथकर्ताओं और विश्लेषकों में से एक) ,द्वारा संकलित छह अद्भुत पाठ्यक्रमों से होता है।

डा.जुनैद अहमद ने बताया कि ध्यान से चयनित शतरंज के 108 अभ्यासक्रम में से किसी भी शतरंज खिलाड़ी की खेलने की ताकत कम से कम 150 रेटिंग अंक बढ़ेगी और संभवतः जीवन कौशल के मामले में और अधिक बढ़ाएगी।