जागरूकता के लिए देश भर में कॉन्क्लेव की शुरुआत

लखनऊ
दोस्तों बात जब चावल की होगी तो सबसे पहला नाम बासमती का ही आएगा, उसका साइज, उसकी सुगंध, बिरयानी और दूसरे रूप में तैयार डिशेस डाइनिंग टेबल की शान बढ़ा देती हैं, लेकिन इन दिनों देखा जा रहा है कि मार्केट में नकली बासमती की भरमार हो गयी है जो बोरियों में खुले रूप में बिकता है और जिसे पहचानना एक आम ग्राहक के लिए लगभग नामुमकिन है, वो देखने में लगभग बिलकुल ओरिजिनल बासमती की तरह दिखता है लेकिन पकने के बाद उसमें बासमती वाला स्वाद नहीं मिलता। इसी को लेकर बासमती चावल का कारोबार करने वाली मशहूर कंपनी KRBL जिसके प्रोडक्ट इंडिया गेट के नाम से मार्किट में उपलब्ध है और Food Safety and Standards Authority of India (FSSAI) ने मिलकर बासमती के फ्यूचर को लेकर जागरूकता पैदा करने और लोगों को शिक्षित करने के उद्देश्य से बासमती राइस नो कमरोमाइज़ की टैग लाइन से देश भर में कॉन्क्लेव आयोजित करने का फैसला किया है जिसके अंतर्गत आज उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी एक कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया जिसमें FSSAI की नई गाइडलाइन्स के बारे में जानकारी दी गयी. कॉन्क्लेव के मुख्यअतिथि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के चीफ एडवाइज़र अवनीश कुमार अवस्थी भी मौजूद रहे. इस अवसर पर मीडिया के सवालों का KRBL लिमिटेड के बिज़नेस हेड आयुष गुप्ता और उत्तर प्रदेश के डेपुटी कमिश्नर फ़ूड सेफ्टी हरिशंकर सिंह ने जवाब दिया, उन्होंने बताया कि मिलावट को लेकर KRBL और FSSAI साथ मिलकर किस तरह से लड़ाई लड़ने जा रहा है. दोनों ने मिलकर आज आज राष्ट्रव्यापी ‘बासमती राइस नो कॉम्प्रमाइज ‘ जनहित शिक्षा और जागरूकता पहल के लखनऊ चरण को होस्ट किया ।

समारोह में हरि शंकर सिंह, डेप्युटी कमिशनर , फ़ूड सेफ्टी एंड ड्रग्ज एडमिनिस्ट्रेशन , उत्तर प्रदेश सरकार; डॉ विद्यानंद तिवारी, असिस्टेंट प्रोफेसर, इंस्टीट्यूट ऑफ़ फ़ूड टेक्नोलॉजी एंड प्रोसेसिंग , लखनऊ युनिव्हर्सिटी ; शेफ नागेंद्र सिंह, एग्जीक्यूटिव शेफ, ताज महल लखनऊ; और श्री. आयुष गुप्ता, बिजनेस हेड – इंडिया मार्केट, केआरबीएल लिमिटेड उपस्थित थे।

श्री अवनीश अवस्थी , सलाहकार मुख्यमंत्री ,उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा, “मुझे यह जानकर खुशी हुई कि हमारे राज्य यूपी ने तेजी से बासमती का उपयोग करना शुरू कर दिया है। बासमती की पूसा किस्म ने बेहतर उत्पादन दिया है। मैं एफएसएसएआई के इस रुख का जोरदार स्वागत करूंगा कि बासमती को अब नए मानक मिल गए हैं। सूखा अनाज 6.7 से 7 मिमी के बीच होना चाहिए और पका हुआ अनाज पकाने के बाद दोगुना या शायद तीन गुना लंबा होना चाहिए। तो ये सभी मानक निश्चित रूप से बाजार में एक मानक स्थापित करेंगे। हम सभी जानते हैं कि भारतीय बासमती को एक बहुत मजबूत बाजार मिला है। अंतत: लाभ किसान को ही होता है और इसी तरीके से इसे आगे बढ़ाया जाना चाहिए।

श्री आयुष गुप्ता , बिजनेस हेड-इंडिया मार्केट,आरबीएल लिमिटेड और बासमती चावल उद्योग के नेता ने कहा, “बासमती चावल के लिए पहचान मानक स्थापित करने में उनके दूरदर्शी दृष्टिकोण के लिए हम एफएसएसएआई की सराहना करते हैं। ये नियम निस्संदेह भारत के भीतर और वैश्विक क्षेत्र दोनों में हमारे प्रिय बासमती चावल की प्रामाणिकता और सुरक्षा में उपभोक्ताओं के विश्वास को बढ़ाएंगे। दुनिया के नंबर 1 बासमती चावल ब्रांड के रूप में, इंडिया गेट हमेशा अनुपालन के माध्यम से बासमती अनाज की अखंडता को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध रहा है, और ये नियम दुनिया भर में उपभोक्ताओं को बेहतरीन बासमती चावल पहुंचाने के हमारे मिशन के साथ पूरी तरह से मेल खाते हैं।

गुप्ता ने कहा, “केआरबीएल गुणवत्ता मानकों का पालन सुनिश्चित करने में हमेशा सबसे आगे रहा है। यह सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है कि वे शुद्धता, गुणवत्ता मानकों के महत्व को समझें और बासमती चावल को अन्य गैर-बासमती और मिलावटी उत्पादों से अलग करने में सक्षम हों।हमें उम्मीद है कि देश भर में होने वाली ये चर्चाएँ उपभोक्ताओं और व्यापार जगत के लिए एक शुरुआती बिंदु होंगी, ताकि वे सूचित निर्णय लेना शुरू कर सकें जो अंततः एक सुरक्षित और स्वस्थ जीवन सुनिश्चित करने की आधारशिला हैं” ।