दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बयान को लेकर असम पुलिस द्वारा दिल्ली में ड्रामाई ढंग से गिरफ्तार किये गए कांग्रेस प्रवक्‍ता पवन खेड़ा की सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप से रिहाई हो गई है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उन्हें जमानत मिली है. उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया था और गुरुवार की सुबह उन्हें एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था. अंतरिम जमानत पर रिहा होने के बाद कहा कि यह न्यायपालिका की जीत है. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि मेरी टिप्पणी जुबान फिसलने के कारण थी या नहीं, मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा लेकिन देश में अघोषित आपातकाल जैसे हालात हैं.

पवन खेड़ा के खिलाफ उत्‍तर प्रदेश में दो और असम में एक एफआईआर दर्ज हुई है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने पवन खेड़ा को अंतरिम राहत देते हुए 28 फरवरी तक गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान किया था. जिसके बाद उनकी रिहाई हुई है.सुप्रीम कोर्ट ने पवन खेड़ा को गिरफ्तारी से संरक्षण और कई प्राथमिकियों को एक साथ जोड़ने के अनुरोध संबंधी याचिका को 27 फरवरी को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया. प्रधानमंत्री के खिलाफ टिप्पणियों को लेकर उनके खिलाफ उत्तर प्रदेश के लखनऊ तथा वाराणसी और असम में कई प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं. अब इन सभी एफआईआर को एक साथ क्‍लब करके सुनवाई होगी.

बताते चलें कि पवन खेड़ा ने एक प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए पीएम मोदी के पिता पर टिप्‍पणी की थी. उन्होंने कहा था कि हम स्पष्ट बात कर रहे हैं जेपीसी. हम कह रहे हैं कि संसद बजट सत्र के दौरान आप चर्चा से क्यों भाग रहे हैं? जब नरसिम्हा राव जेपीसी बना सकते थे, अटल बिहारी वाजपेयी जेपीसी बैठा सकते थे. फिर नरेंद्र गौतम दास, सॉरी दामोदर दास मोदी को क्या परेशानी है…इसके बाद पवन खेड़ा हंसने लगे. पवन खेड़ा ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि उनकी जुबान फिसल गई थी. उन्‍होंने इसके लिए माफी भी मांगी.