लखनऊ:
आँखों पर सियासत का असर देख रहे हैं, किस ओर लगी आग किधर देख रहे हैं।” सदन में नेता विपक्ष अखिलेश यादव ने आज गवर्नर के अभिभाषण पर अपनी बात की शुरुआत इसी शेर से की. अपने भाषण के दौरान उन्होंने छुट्टा जानवरों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि मैं मांग करूँगा कि जिन जिन लोगों की जानवरों की वजह से जान गयी उन परिवारों की 10 -10 लाख की मदद करे सरकार। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी का एक्सीडेंट आवारा जानवर की वजह से हो गया था, उन्हें नहीं बचाया जा सका।”

उन्होंने कहा कि 1 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी की बात अभिभाषण में आई है। 1 साल हो गया दिल्ली सारकार कोई सहयोग नहीं कर रही।” “इससे पहले वाली इन्वेस्टमेंट मीट में लगभग 4 लाख करोड़ के एमओयू हुए थे। मैंने देखना चाहा कि किन कंपनियों ने एमओयू किये तो वो वेबसाइट ही नहीं चल रही आखिर सरकार क्यूँ छुपाना चाह रही।” बीजेपी का फंडा बहुत क्लियर था कि कोई भी सूट और टाई पहने उससे एमओयू करा लो।”

उन्होंने कहा कि भाजपा का नारा है सबका साथ सबका विकास हम जितने भी विपक्ष के लोग है हम सब जातीय जनगणना चाहते हैं। बिना जातीय जनगणना के ये नारा अधूरा है।” “जातीय जनगणना हो जाएगी तो उससे क्या दिक्कत है आपको? हम समाजवादी लोग चाहते हैं कि जातीय जनगणना हो।”

गोरखपुर की बात करते हुए सपा प्रमुख ने कहा कि ज़्यादातर बजट वो आये जिसमे गोरखपुर मेट्रो के लिए बजट था। कम से कम गोरखपुर में मेट्रो चलवा दो नेता सदन।” जब मैंने बजट देखा तो मुझे दुःख हुआ कि नाले की बात नहीं है । बताइए नेता सदन अब तक अपने गोरखपुर में नाला नहीं बना पाए।” “दिल्ली और लखनऊ वालों में तालमेल में कुछ गड़बड़ है। जो दिल्ली वाला कहेंगे वो लखनऊ वाले नहीं करेंगे, अगर लखनऊ वाले कुछ लेकर जाएँगे तो दिल्ली वाले नहीं करेंगे।”

उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले नेता सदन फुटबॉल मैच अकेले देख रहे थे। मैं नेता सदन को बताना चाहूँगा कि फुटबॉल का मैच अकेले नहीं ग्रुप में देखा जाता है। इसी के साथ उन्होंने मुख्यमंत्री को क्रिकेट खेलने का चैलेंज देते हुए कहा कि उन्हें मालूम है की नेता सदन तीन टिप्पे वाली गेंद को भी नहीं मार पाएंगे और मैं दावा करता हूँ कि उनकी हर गेंद पर छक्का मारूंगा ।