सागर:
मध्य प्रदेश के सागर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्य की जनता से कई बड़े वादे किए. उन्होंने कहा, “मैं वादा करता हूं कि जब कांग्रेस सत्ता में आएगी तो किसानों को कर्ज से राहत मिलेगी। 500 रुपये में रसोई गैस मिलेगी। महिलाओं को 1500 रुपये प्रति माह मिलेंगे। सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना,100 यूनिट तक मुफ्त बिजली मिलेगी . हम राज्य में जातीय जनगणना भी कराएंगे.

कांग्रेस अध्यक्ष ने जनसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर कई हमले किये. उन्होंने कहा कि चुनाव आया है तो बीजेपी को संत रविदास की याद आई है. खड़गे ने केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकार की नीतियों का जिक्र करते हुए एक-एक कर हमला बोला.

सागर में 100 करोड़ से बन रहे संत रविदास मंदिर का जिक्र करते हुए खड़गे ने कहा कि चुनाव है, इसलिए बीजेपी को संत रविदास की याद आई है. प्रदेश में शिवराज सिंह 20 साल से मुख्यमंत्री हैं और केंद्र में नरेंद्र मोदी 9 साल से प्रधानमंत्री हैं. लेकिन, उन्हें कभी संत रविदास की याद नहीं आई। अब चुनाव आ गया है तो उन्हें संत रविदास की याद आ रही है. खड़गे ने आगे कहा, मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री का उद्देश्य सागर में कोई संस्थान बनाना नहीं है, बल्कि यह वोट आकर्षित करने के उनके प्रयास का हिस्सा है। खड़गे ने वादा किया कि अगर मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी तो संत रविदास के नाम पर यूनिवर्सिटी बनाई जाएगी.

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे ने संविधान निर्माता डॉ. अंबेडकर और संत रविदास की जन्मस्थली का जिक्र करते हुए केंद्र सरकार पर हमला बोला और कहा कि कुछ लोग संविधान को बदलने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन ऐसा नहीं हो सकता क्योंकि देश की 140 करोड़ जनता उनके संरक्षण में जीवित है और उनका समर्थन करती है.

खड़गे ने वादा किया कि अगर राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी तो जाति जनगणना कराई जाएगी. ऐसा करने से पता चल जायेगा कि पिछड़े और गरीब कौन हैं, कितने लोग भूमिहीन हैं और उनका विकास कैसे किया जाये। खड़गे ने केंद्र और राज्य सरकार को जनविरोधी बताया. साथ ही कहा कि जब चुनाव आता है तो वोट पाने के लिए कुछ भी करने लगते हैं. मध्य प्रदेश हर मामले में पिछड़ा हुआ है और यहां विधायकों को चुराकर सरकार बनाई गई है. उन्होंने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ को नाथ कहा और कहा कि कमल बीजेपी के हैं, लेकिन नाथ हमारे हैं.