लखनऊ ब्यूरो
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आज यहां निराला नगर, लखनऊ स्थित सरस्वती कुंज में विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश द्वारा विश्व व्यापी महामारी कोरोना से बच्चों के बचाव हेतु चलायी जा रही “बच्चे हैं अनमोल” की 25वीं श्रृंखला को मुख्य अतिथि के तौर पर सम्बोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि कोरोना से लड़ाई में तन के स्वास्थ्य का ध्यान रखने के साथ-साथ मन भी मजबूत रखें। आत्मबल किसी भी बीमारी से लड़ने में बहुत बड़ा संबल है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक स्थिति में कोरोना से बचाव के नियमों का ध्यान रखें, खुद को बचाएं और समाज को भी संक्रमित होने से बचाएं।

राज्यपाल ने कहा कि विशेषज्ञों ने सितम्बर माह के आखिरी सप्ताह तक कोरोना की तीसरी लहर के प्रकोप की आशंका व्यक्त की है, जिसका सर्वाधिक दुष्प्रभाव बच्चों पर पड़ने की आशंका है। इसके लिए छोटे बच्चे संक्रमित न हो इसका पहले से ध्यान रखना होगा। घर के सभी वयस्क सदस्यों का पहले से टीकाकरण अवश्य करा लिया जाए। बच्चों को पौष्टिक आहार ही दें। संक्रमण की आशंका होने पर अविलम्ब चिकित्सक के पास ले जाएं।

राज्यपाल ने कहा कि जो बच्चे पहले से गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हैं, उनका चिन्हीकरण करा लिया जाए। बीमार बच्चों में कोरोना संक्रमण का खतरा भी अधिक होगा इसलिए इनकी चिकित्सा की पहले से ही व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि परिवार में सभी सदस्य ये संकल्प करें कि वे संक्रमण नहीं फैलने देंगे। उन्होंने अपने सम्बोधन में स्वस्थ जीवन-शैली अपनाने तथा अस्वस्थ व हानिकारक आदतों को त्यागने पर जोर दिया।

ज्ञात हो कि विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश द्वारा बच्चों को कोरोना संक्रमण से बचाने हेतु सूचना एवं जानकारी बढ़ाने के उद्देश्य से “बच्चे हैं अनमोल” ऑनलाइन श्रृंखला चलाई जा रही है, जिसमें न केवल उत्तर प्रदेश अपितु बाहरी राज्यों के विद्यार्थी एवं अभिभावक सम्पर्क करके जानकारी हासिल कर सकते हैं। आज इसकी 25वीं श्रृंखला के प्रसारण पर राज्यपाल जी बड़ी संख्या में बच्चों और अभिभावकों को सम्बोधित कर रहीं थीं। उन्होंने कोरोना से बचाव, स्वस्थ जीवन शैली अपनाने, बचपन से पौष्टिक आहार अपनाने के साथ-साथ शुद्ध आचरण, सेवा भाव और स्वच्छता की आदतों को व्यवहार में लाने पर जोर दिया।

इस अवसर पर के.जी.एम.यू, लखनऊ के पूर्व वी.सी. डा0 एम.एल.भट्ट ने कोरोना वायरस के प्रकारों, इसके उत्पत्ति के कारकों और इसके विनाशकारी तथ्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा चूंकि अभी बच्चों का टीका विकसित नहीं हुआ है इसलिए कोरोना की तीसरी लहर में उनके संक्रमित होने की आशंका व्यक्त की जा रही है। उन्होंने बचाव के लिए अभिभावकों के टीकाकरण पर जोर देते हुए बच्चों के लिए आयुर्वेदिक दवाइयों की जानकारी भी दी।