टीम इंस्टेंटखबर
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि द कश्मीर फाइल्स जैसी फिल्में देश में नफरत को जन्म दे रही हैं और इसे रोका जाना चाहिए। फारूक अब्दुल्ला का बयान जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले में कश्मीरी पंडित राहुल भट की हालिया हत्या के आलोक में आया है।

फारूक अब्दुल्ला ने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर में बिगड़ती कानून-व्यवस्था का मुद्दा उठाने के लिए हमने रविवार को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मुलाकात की। बैठक में मैंने उनसे कहा कि फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ ने देश में नफरत पैदा की है।

उन्होंने पूछा कि क्या ऐसा संभव है कि एक मुसलमान ने एक हिंदू को मार डाला, उसका खून चावल में डाल दिया और मारे गए आदमी की पत्नी से इन चावल को खाने के लिए कहा? ऐसी फिल्में बंद होनी चाहिए। नफरत फैलाने वाले मीडिया को रोका जाना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘देश में मुसलमानों के खिलाफ नफरत का माहौल कश्मीर में मुस्लिम युवाओं में गुस्से को जन्म दे रहा है।’

राहुल भट की मृत्यु के बाद विरोध प्रदर्शन कश्मीरी पंडितों पर आंसू गैस के गोले दागने और लाठीचार्ज करने पर फारूक अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा, ‘आंसू गैस, लाठीचार्ज- क्या जरूरत थी? वे केवल सुरक्षा मांग रहे थे। उन्होंने पथराव नहीं किया- आज तक मैंने कश्मीरी पंडितों को पथराव करते नहीं देखा।’ फारूक अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि अधिकारियों ने उन्हें सहानुभूति देने के लिए बडगाम जाने से रोक दिया था। उन्होंने कहा, ‘अगर आप हमें सहानुभूति नहीं देंगे, तो यह कैसे काम करेगा? हम एक-दूसरे के करीब कैसे आएंगे? यह नफरत खत्म होनी चाहिए।’