कानपूर: कानपुर शेल्टर होम मामले में प्रोबेशन ऑफिसर अजीत कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है। इसके साथ ही शेल्टर होम के सुपरिटेंडेंट को भी सस्पेंड किया गया है। शेल्टर होम में रहने वाली 57 नाबालिग लड़कियां कोविड-19 से संक्रमित पाई गई थी।
यूपी सरकार का मानना है कि अजीत कुमार अपने कर्तव्यों के निर्वहन में असफल रहे और सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही गलत सूचना का मुकाबला सही तौर पर करने में सक्ष्म नहीं रहे। इसके बाद सरकार ने उनके खिलाफ एक्शन लिया है।
इसके अलावा अधिकारी पर कार्रवाई करते हुए शेल्टर होम में कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए जारी गाइडलाइन का पालन न करवाने को भी कार्रवाई का कारण बताया गया है।
कानपुर जिले में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित बालिका संरक्षण गृह (शेल्टर होम) में रहने वाली 57 नाबालिग लड़कियां कोविड-19 से संक्रमित पाई गई थी। कानुपर जिला प्रशासन ने रविवार (21 जून) को सफाई दी थी कि शेल्टर होम में लाए जाने के समय ही लड़कियां गर्भवती थीं।
जिलाधिकारी ब्रह्मदेव राम तिवारी ने रविवार को बताया था कि गर्भवती पाई गईं पांच लड़कियां कोविड-19 से संक्रमित भी पाई गई हैं। इन लड़कियों को आगरा, एटा, कन्नौज, फिरोजाबाद और कानपुर की बाल कल्याण समितियों द्वारा कानपुर रेफर किया गया था।
उन्होंने बताया कि गर्भवती दो अन्य लड़कियां कोविड-19 से संक्रमित नहीं पाई गई हैं। ये सभी लड़कियां जब कानपुर के बालिका संरक्षण गृह में लाई गई थीं उस समय भी गर्भवती थीं।
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