लखनऊ: प्रदेश उपाध्यक्ष वीरेंद्र चौधरी ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते प्रदेश में घोषित लॉकडाउन में जहां एक ओर प्रदेश सरकार महामारी को रोकने में विफल रही है, मजदूरों को घर पहुचाने के लिये कोई पुख्ता इन्तजाम नही हुये, वही दूसरी ओर प्रदेश में हत्या, जातीय हिंसा, बलात्कार की घटनाओ में बाढ़ आ गयी है। प्रदेश की कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गयी है। योगी सरकार का दबंगो, अपराधियो को मौन समर्थन प्राप्त है।

श्री चौधरी ने कहा कि जनपद प्रतापगढ़ के पट्टी थाने के गोविंदपुर-परसद गांव में दबंगों द्वारा कुर्मी परिवारों पर बरपाये गये कहर पर उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के प्रदेश उपाध्यक्ष वीरेंद्र चौधरी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमण्डल द्वारा घटनास्थल का दौरा कर प्रदेश अध्यक्ष श्री अजय कुमार लल्लू जी के ऑफिस को वस्तुस्थिति की अवगत कराया है।

कांग्रेस महासचिव व पूर्व सांसद राकेश सचान ने कहा कि योगी सरकार के जंगलराज के चलते कई दर्जन हत्याये और सैकड़ो हिंसा की घटनाये हुई है। एटा, आगरा प्रयागराज, चंदौली, संभल, प्रतापगढ़, अमेठी, उन्नाव सहित कई जिलों में जातीय हिंसा की घटनाये हुयी है, लेकिन अपराधियो पर अभी तक कोई कार्यवाई नही हुयी।

ऐसा प्रतीत होता है कि अपराधियों को योगी सरकार का मौन समर्थन प्राप्त है। प्रतापगढ़ में ही कल कुण्डा थाना के मुरैना गांव में दबंगों ने पटेल समुदाय सात लोगों को मारापीटा जिसमें गंभीर रूप से घायल एक व्यक्ति की मौत हो गयी। साथ ही जेठवारा थाना के ऐंठी नौबस्ता में दलित परिवार पर हमला हुआ जिसमें दो लोगों की हालत गंभीर है।

कांग्रेस महासचिव मनोज यादव ने कहा कि योगी सरकार दलित-पिछडो का नरसंहार कर रही है। गोविंदपुर में मामूली विवाद के चलते जिस तरह से दबंगो, पुलिस और सत्ता का कहर देखने को मिला, बहुत ही खौफनाक मंजर था। कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त और गुंडाराज का बोलबाला दिखा। प्रतापगढ़ इस समय सामंतवाद का गढ़ बन गया है। प्रतापगढ़ के पट्टी थाने के गोविंदपुर-परसद गांव में कुर्मी समाज पर दबंगो द्वारा हमला किया गया लेकिन प्रशासन अब भी मूकदर्शक बना हुआ है।

पट्टी के पूर्व विधायक राम सिंह पटेल ने कहा कि स्थानीय पुलिस प्रशासन द्वारा जहां पीड़ितों की मदद करनी चाहिए वहां खुद पीड़ितों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई। पुलिस ने पटेल समुदाय के कई लोगो के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जेल भेज दिया तथा पचास से ज्यादा अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। पीड़ितों का अभी तक मेडिकल भी नही हुआ, और दबंगो के खिलाफ अभी तक एफआईआर दर्ज नही हुई। स्थानीय विधायक एवं कैबिनेट मंत्री श्री राजेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह के राजनैतिक साजिशों के चलते पुलिस प्रशासन और दबंगों ने गोविन्दपुर और परसद गांव में आतंक कायम कर दिया है। गांव के लोग अभी भी दहशत में है। करीब 150 लोग भय के कारण गांव छोड़ दिया है।

कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल ने गोविन्दपुर गांव के पीड़ितों को फोन करके वस्तुस्थिति की जानकारी ली और उन्हें ढांढस बंधाया। इसके अलावा उक्त दोनों गांवों का पूर्व सांसद श्री बाल कुमार पटेल ने दौरा कर किसानों की पीड़ा सुनी।

प्रतिनिधिमंडल ने गोविन्दपुर के पीड़ितों को भरोसा दिलाया है कि कांग्रेस पार्टी उनको इंसाफ के लिए पूरी तरह खड़ी है और उन्हें न्याय दिलाने और हरसंभव मदद देने के लिए तत्पर है।