जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने गुरूवार को ग्वालियर की ITM यूनिवर्सिटी में दावा किया था कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पास किसी भी यूनिवर्सिटी की डिग्री नहीं थी। उनके इस बयान पर मध्य प्रदेश के पत्रकार और गांधीवादी विचारक डॉ. राकेश पाठक ने मनोज सिन्हा को कानूनी नोटिस भिजवाया है और माफ़ी मांगने के लिए आठ दिन का समय दिया अन्यथा इस मामले को लेकर वो अदालत जायेंगे।

डॉ. राकेश पाठक ने मनोज सिन्हा को कानूनी नोटिस भिजवाया है। उन्होंने कहा कि सिन्हा को अपने बयान पर माफी मांगनी चाहिए। दरअसल, ग्वालियर की एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी में मनोज सिन्हा ने कहा था कि गांधी जी के पास लॉ की डिग्री नहीं थी। उनके पास कोई डिग्री नहीं थी। वे सिर्फ हाई स्कूल डिप्लोमा लिए थे। उन्होंने कहा कि जाहिलों को राज्यपाल बना देंगे तो यही नतीजा होगा। उनके पास लॉ की डिग्री थी, लेकिन इसकी एन्टॉयर लॉ डिग्री जरूर नहीं थी। जैसी मोदी जी के पास पॉलिटिकल साइंस की एन्टॉयर लॉ डिग्री है। तुषार ने आगे कहा- बापू ने राजकोट के अलफ्रेड हाईस्कूल से मैट्रिक पास की थी। उन्होंने लंदन में मैट्रिक पास की। इसके बाद इनर टेम्पल से लॉ की डिग्री हासिल की थी। इसके अलावा लैटिन और फ्रेंच भाषा में डिप्लोमा भी लिए थे।

वहीँ गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने सिन्हा के दावे का खंडन किया है। उन्होंने कहा कि गांधी के पास डिग्रियों के साथ-साथ दो भाषाओं में डिप्लोमा भी थे। गांधी के डिग्री को लेकर सभी फैक्ट उनकी आत्मकथा में मौजूद हैं। उन्होंने आगे कहा कि मैंने बापू की आत्मकथा की एक कॉपी जम्मू राजभवन को भेजी है, ताकि उप राज्यपाल पढ़ सकें। तुषार गांधी ने कहा- मुझे ताज्जुब नहीं होता, मैं सराहना करता हूं कि उन्होंने इतनी निर्भयता से अपनी अज्ञानता का प्रदर्शन किया, लेकिन ये समझना बहुत जरूरी है कि ये उनका स्वैच्छिक बयान नहीं है। बापू की हत्या के बाद, एक विचारधारा बनाई गई है। 75 साल तक बापू के बारे में दुष्प्रचार कर उनकी मानहानि करने की साजिश चलाई है। कई किरदार और एक्टर इसमें शामिल हैं। वे आते हैं और अपना किरदार निभाकर चले जाते हैं। उसी कड़ी में ये भी एक है।