टीम इंस्टेंटखबर
असम पुलिस द्वारा दो गिरफ्तारियों के बाद ज़मानत पर छूटे गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी ने आज कांग्रेस दफ्तर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान केंद्र सरकार की जमकर बरसे, इन्होने कहा कि मुझे बर्बाद करने के लिए साजिश रची गई थी.

जिग्नेश मेवानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला करते हुए कहा कि जब मुझे जमानत मिली तो इसके बाद एक महिला से फर्जी मुकदमा लगावाया गया. ये 56 इंच की कायरता है. असम की अदालत ने इस एफआईआर को फर्जी करार दिया है और पुलिस पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं.

जिग्नेश मेवानी ने कहा कि वो मुझे साथ ले गए लेकिन केस के बारे में कुछ बताया तक नहीं. मैं एक वकील भी हूं लेकिन मेरे ऊपर कौन सी धारा लगाई गई इसकी मुझे जानकारी तक नहीं दी गई. यहां तक कि मेरे घरवालों से भी मुझे बात करने नहीं दी गई.

उन्होंने कहा कि एक विधायक होने के नाते मेरा फोन पर बात करने का हक था लेकिन उन्होंने मुझे बात तक नहीं करने दी. यहां तक की उन लोगों ने गुजरात विधानसभा के स्पीकर को भी इस बात की जानकारी नहीं दी.

जिग्नेश ने कहा, 19 तारीख को मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई और तुरंत ही असम पुलिस 2500 किमी से मुझे गिरफ्तार करने गुजरात पहुंच जाती है. मुझे पकड़ते वक्त आतंकवादी को गिरफ्तार करने जैसा माहौल बनाया गया. मेरे और मेरी टीम के कम्प्यूटर, मोबाइल जब्त किए, मुझे शक है कि उसमें जासूसी के सॉफ्टवेयर डाल दिए गए हों.

जिग्नेश मेवानी ने मोदी सरकार पर बड़ा हमला करते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री कार्यालय में बैठे नाथूराम गोडसे के भक्तों ने उन पर फर्जी एफआईआर करवाई है. अगर गोडसे भक्त कहने पर आपत्ति थी तो लालकिले पर खड़े होकर गोडसे मुर्दाबाद का नारा लगाकर दिखाएं. गुजरात में चुनाव होने वाले हैं इसलिए परेशान किया जा रहा है. पहले रोहित वेमुला को आत्महत्या करने पर मजबूर किया अब मुझे खत्म करना चाहते हैं. दलित नेताओं को पीएम मोदी हजम नहीं कर पा रहे हैं.