स्पोर्ट्स डेस्क
भारत ने मोहाली टेस्ट में श्रीलंका पर पकड़ मजबूत कर ली है. पहले टेस्ट के दूसरे दिन का खेल समाप्त होने तक उसने श्रीलंका के 108 रन पर चार विकेट गिरा दिए. भारत ने इससे पहले अपनी पहली पारी आठ विकेट पर 574 रन बनाकर समाप्त घोषित की थी. इस तरह से श्रीलंका अभी भारत से 466 रन पीछे है. पूरी संभावना है कि टीम इंडिया बड़े अंतर से मैच अपने नाम कर ले. श्रीलंका की तरफ से पाथुम निसंका (26) और चरित असालंका (1) खेल रहे हैं. भारत की तरफ से रविचंद्रन अश्विन ने दो और जसप्रीत बुमराह-रवींद्र जडेजा को एक-एक विकेट मिला. भारतीय पारी का आकर्षण रवींद्र जडेजा की नाबाद 175 रन की पारी रही. यह टेस्ट करियर में उनका सर्वोच्च स्कोर है.

जडेजा (228 गेंदों पर नाबाद 175 रन) ने अपने टेस्ट करियर का दूसरा शतक पूरा किया और अपने करियर का सर्वोच्च स्कोर बनाया. उन्होंने अपनी पारी में 17 चौके और तीन छक्के लगाकर श्रीलंकाई आक्रमण को मजाक बनाकर रख दिया. जडेजा ने रविचंद्रन अश्विन (82 गेंदों पर 61 रन) ने सातवें विकेट के लिये 130 रन जोड़े और फिर मोहम्मद शमी (34 गेंदों पर नाबाद 20) के साथ नौवें विकेट के लिये 103 रन की अटूट साझेदारी की. बाएं हाथ के बल्लेबाज जडेजा के लिये यह शतक काफी मायने रखता है क्योंकि घुटने की चोट के कारण वह इस सत्र में चार टेस्ट मैचों में नहीं खेल पाये थे.

जडेजा ने मैच के बाद कहा, ‘कल मैंने नान स्ट्राइकर छोर से ऋषभ पंत (96) की बल्लेबाजी का आनंद उठाया. आज मैंने सहजता से बल्लेबाजी की. मैंने और अश्विन ने एक दूसरे के साथ बल्लेबाजी करने का लुत्फ उठाया. पिच ने टर्न लेना शुरू कर दिया और इसे और टर्न लेना चाहिए.’

बाएं हाथ के स्पिनर जडेजा (30 रन देकर एक) ने इसके बाद गेंदबाजी में कमाल दिखाया. उनकी तेजी से टर्न लेती गेंद को खेलने के लिये श्रीलंकाई कप्तान दिमुथ करुणारत्ने (28) बैकफुट पर गए. लेकिन पूरी तरह से गच्चा खाकर पगबाधा आउट हो गए. इससे पहले अश्विन (21 रन देकर दो) ने लाहिरू थिरिमाने (17) को पगबाधा आउट किया था जिस पर श्रीलंका ने एक ‘रिव्यू’ भी गंवाया.

भारत को तीसरी सफलता उप कप्तान जसप्रीत बुमराह (20 रन देकर एक) ने दिलाई. उन्होंने एंजेलो मैथ्यूज (22) को पगबाधा आउट किया. अश्विन ने धनंजय डिसिल्वा (एक) को सीधी गेंद पर स्वीप करने की सजा दी. गेंद काफी टर्न ले रही जिससे श्रीलंका के बल्लेबाजों के लिये खेल आगे बढ़ने के साथ अश्विन और जडेजा का सामना करना आसान नहीं होगा.

जडेजा और रविचंद्रन अश्विन (82 गेंदों पर 61 रन) ने सातवें विकेट के लिये 130 रन जोड़े. इससे श्रीलंका की वापसी की संभावनाओं को भी करारा झटका लगा. अश्विन ने उपमहाद्वीप की पिचों पर बल्लेबाजी में अपना अच्छा रिकॉर्ड बरकरार रखते हुए 12वां अर्धशतक जमाया. इन दोनों के शानदार प्रयास से भारत ने पहले सत्र में 27 ओवरों में 111 रन जोड़े. दूसरे सत्र में मोहम्मद शमी (34 गेंदों पर नाबाद 20) ने जडेजा का अच्छा साथ दिया. इन दोनों ने नौवें विकेट के लिये 103 रन की अटूट साझेदारी की जिसके बाद कप्तान रोहित शर्मा ने पारी समाप्त करने की घोषणा की.

जडेजा ने अपनी पारी में बेहतरीन खेल दिखाया. उनके शॉट दर्शनीय थी जो श्रीलंका के कमजोर आक्रमण की कलई खोल रहे थे. श्रीलंका के कप्तान दिमुथ करुणारत्ने ने रक्षात्मक क्षेत्ररक्षण लगाया जिससे पता लग रहा था कि उनकी टीम किस तरह से दबाव में है. इसका असर यह हुआ कि जडेजा और अश्विन ने आसानी से एक दो रन बटोरे और बीच बीच में चौके भी लगाये. श्रीलंका को आखिर में लंबे इंतजार के बाद सुरंगा लकमल ने सफलता दिलायी जिनकी शॉर्ट पिच गेंद अश्विन के दस्ताने को चूमकर विकेटकीपर निरोसन डिकवेला के पास चली गयी. अश्विन ने अपनी पारी में आठ चौके लगाये.

लेकिन इससे जडेजा पर असर नहीं पड़ा. उन्होंने लसिथ एम्बुलडेनिया की गेंद को कवर क्षेत्र में खेलकर एक रन लेकर अपना शतक पूरा किया और अपने चिर परिचित अंदाज में बल्ले को तलवार की तरह घुमाकर जश्न मनाया. भारत ने लंच के बाद जयंत यादव (दो) का विकेट गंवाया.