टीम इंस्टेंटखबर
सीपीआई नेता कन्हैया कुमार ने दिल्ली में आज कांग्रेस का हाथ थाम लिया। इस मौके पर कन्हैया कुमार ने कहा-मैं कांग्रेस में शामिल हो रहा हूं क्योंकि यह सिर्फ एक पार्टी नहीं है, यह एक विचार है। यह देश की सबसे पुरानी और सबसे लोकतांत्रिक पार्टी है, और मैं ‘लोकतांत्रिक’ पर जोर दे रहा हूं, सिर्फ मैं ही नहीं कई लोग सोचते हैं कि देश कांग्रेस के बिना नहीं रह सकता। कांग्रेस नहीं बची तो देश नहीं बचेगा।

कन्हैया कुमार ने कहा- ”कांग्रेस पार्टी एक बड़े जहाज की तरह है, अगर इसे बचाया जाता है, तो मेरा मानना है कि कई लोगों की आकांक्षाएं, महात्मा गांधी की एकता, भगत सिंह की हिम्मत और बीआर अंबेडकर के समानता के विचार की भी रक्षा की जाएगी। इसलिए शामिल हुआ हूं।”

कन्हैया ने कहा, ‘मेरा मानना है कि आज इस देश को भगत स‍िंह के साहस, अंबेडकर की समानता और गांधी की एकता की जरूरत है. मुझे लगता है कि यह देश 1947 से पहले की स्थ‍िति में चला गया है. बस्ती में जब आग लग जाती है तो बेडरूम की चिंता नहीं करनी चाहिए. आज इस देश में सत्ता से सवाल करने की परंपरा को बचाने की जरूरत है.’

उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी वो पार्टी है जो महात्मा गांधी, अंबेडकर, भगत सिंह के सिद्धांतों को आगे लेकर चलेगी. भारतीय होने के इतिहास होने को केवल कांग्रेस पार्टी ही समेटे हुए है. विपक्ष कमजोर होता है तो सत्ता निरंकुश हो जाती है. जो पार्टी सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है, अगर उसे नहीं बचाया गया, अगर बड़े जहाज को नहीं बचाया गया तो छोटी कश्त‍ियां भी नहीं बचेंगी. देश में जो वैचारिक संघर्ष छिड़ा है उसे केवल कांग्रेस ही दिशा दे सकती है. जब आप जंग में होते हैं तो उपलब्ध चीजों से ही मुकाबला करने की कोश‍िश करते हैं.’