टीम इंस्टेंटखबर
ज्ञानवापी मस्जिद विवाद मामले में जमीअतुल उल्माए हिन्द महाराष्ट्र लीगल सेल के प्रमुख गुलज़ार आज़मी ने आज अपने प्रेस बयान में कहा है कि टीवी चैनलों पर हो रही डिबेट्स से मुसलमान दूर रहें, उन्होंने कहा है कि फैसला टीवी चैनलों पर नहीं अदालतों में होता है, उन्होंने साथ ही टीवी डिबेट्स में हिस्सा लेने वाले मुस्लिम डिबेटर्स को मामले की बारीकियों से अनभिज्ञ और टीवी चैनलों के हाथों का खिलौना बताया है.

गुलज़ार आज़मी ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद का केस अंजुमन इन्तेज़मिया मस्जिद कमिटी की तरफ से उनके काबिल वकील कामयाबी से पैरवी कर रहे हैं, वहीँ मीडिया में रोज़ाना इस मुक़दमे को लेकर डिबेट्स हो रही हैं जिसमें बहस करने वाले ज्ञानवापी मस्जिद के बारे पूरी जानकारी नहीं रखते जिसकी वजह से आगे चलकर मुक़दमे की कार्रवाई पर गलत प्रभाव पड़ने का अंदेशा है. जमीअत ने अपने बयान में कहा कि बहसों में जानिबदार मीडिया मुसलमानों का पक्ष रखने के लिए ऐसे लोगों को पेश करती है जिन्हें न तो मुक़दमे की प्रकृति के बारे में कुछ मालूम है और न ही मुक़दमे की जटिलताओं के बारे में कोई ज्ञान होता है.

जमीअत उलमा महाराष्ट्र कानूनी सहायता सेल के प्रमुख गुलज़ार आज़मी ने कहा कि मुस्लिम डिबेटर्स को ज्ञानवापी मस्जिद और दूसरी मस्जिदों पर बहस के लिए टीवी चैनलों पर जाना ठीक नहीं है. बिना तैयारी के बहस में हिस्सा लेने वालों को गोदी मीडिया के शिकंजे से बचना चाहिए।

जमीअत ने कहा कि प्लेसेस ऑफ़ वरशिप एक्ट को चैलेन्ज करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में तमाम हिन्दू संगठनों ने याचिका दाखिल की है, जमीअत उन सभी याचिकाओं का विरोध करेगी। जमीअत ने कहा कि टीवी और दूसरे मीडिया माध्यमों पर बहस करने वाले तथाकथित मुस्लिम डिबेटर्स को अपनी हरकतों से बाज़ आना चाहिए, उनकी हरकतों का फायदा तो कुछ नहीं मिलेगा लेकिन नुक्सान ज़रूर पहुंचेगा।