तेहरान: ईरान ने चाबहार-ज़ाहेदान (Chabahar-Zahedan) रेलवे प्रोजेक्ट से भारत को बाहर किए जाने के दावों को खारिज़ किया है. एक भारतीय समाचारपत्र की एक रिपोर्ट में भारत को इस प्रोजेक्ट से बाहर किए जाने के दावे को ईरान ने गलत बताया है. ईरान के Ports and Maritime Organization के एक डिप्टी फरहाद मोंतासिर (Farhad Montasir) ने बुधवार को बातचीत में कहा कि ‘यह खबर बिल्कुल गलत है क्योंकि ईरान ने भारत के साथ चाबहार-ज़ाहेदान रेलवे प्रोजेक्ट को लेकर कोई डील नहीं की है.’

निवेश के लिए बस दो समझौते हुए
एक ईरानी न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक, मोंतासिर ने कहा, ‘ईरान ने भारत के साथ चाबहार में निवेश के लिए बस दो समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं. पहला बंंदरगाह के मशीनरी और उपकरणों को लेकर है और दूसरा भारत का यहां 150 मिलियन डॉलर का निवेश है.’

अमरीकी प्रबंधों से कोई लेना देना नहीं
मोंतासिर ने कहा कि अमेरिका की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों का चाबहार में ईरान-भारत (india-iran) के संबंधों और सहयोग से कोई लेना-देना नहीं है. बता दें कि 2018 मेंअमेरिका 2012 के Iran Freedom and Counter-Proliferation Act (IFCA) के तहत चाबहार बंदरगाह परियोजनाओं में छूट देने के लिए राजी हो गया था.

हसन रूहानी ने कही थी यह बात
ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी (hasan ruhani) ने पोर्ट प्रोजेक्ट को ‘ईरान के आर्थिक भविष्य के निर्माण के लिए बहुत अहम बताया था.’ भारत की पब्लिक सेक्टर की रेलवे कंपनी Ircon International ने इस प्रोजेक्ट के लिए हर सर्विस और फंडिंग देने की बात कही है. जानकारी के मुताबिक, यह कंपनी प्रोजेक्ट में लगभग 1.6 बिलियन डॉलर का निवेश करेगी.