अयोध्या: बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी को अयोध्या में बनने वाली मस्जिद का नक़्शा पसंद नहीं, उन्होंने मस्जिद के प्रस्तावित नक़्शे को खारिज हुए कहा कि यह तो कोई विदेशी मस्जिद का नक़्शा लगता है, हमें हिंदुस्तानी शैली की मस्जिद चाहिए |

हिंदुस्तानी शैली की वकालत
दरअसल अयोध्या में बाबरी मस्जिद के स्थान पर ज़िले के रौनाही के धन्नीपुर गांव में मस्जिद बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया था जिसके बाद यहां पर मस्जिद का निर्माण होना था। लेकिन अब इस मस्जिद की डिजाइन पर गाडी अटक गयी है। बताया जा रहा है कि बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने इसे सिरे से खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि वे किसी विदेशी मस्जिद नहीं वरन भारतीय शैली पर तैयार मस्जिद की डिजाइन को ही स्वीकार करेंगे।

किसी भी मुसलमान को मंज़ूर नहीं नक़्शा
इस मुद्दे पर इकबाल अंसारी का कहना है कि इस डिजाइन को अयोध्या ही नहीं, बल्कि देश का कोई भी मुसलमान इस मंजूर नहीं कर सकता क्योंकि यह विदेशी शैली की डिजाइन है। यही नहीं उनका यह भी कहना था कि कि 70 वर्षों से इस मस्जिद के लिए लड़ाई लड़ी गई, लेकिन आज अयोध्या के किसी भी पक्षकार से इस पर कोई भी सलाह नहीं ली गई है।

पक्षकारों से सलाह न लेने पर नाराज़गी
अपने गुस्से को दिखाते हुए बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने यह भी कहा कि, “अयोध्या के एक भी पक्षकार से इस प्रस्तावित मस्जिद की डिजाइन को लेकर कोई भी राय-मशवरा नहीं लिया गया। हमें तो हिन्दुस्तानी शैली पर ही मस्जिद चाहिए। इसलिए अभी के मस्जिद के डिजाइन का मैं पूरी तरह से विरोध करता हूं।”